Faridabad News : 17 मार्च बिजली निगमों में कार्यरत ठेकाकर्मियों की सेवाएं पक्की करवाने व बिजली संशोधन बिल-2014 को रद्द करवाने की मांग को लेकर बिजली कर्मचारी व इंजीनियर 3 अप्रैल को संसद घेराव करेंगे। जिसमें सर्कल से हजारों बिजली कर्मचारी, इंजीनियर व जूनियर इंजीनियर शिरकत करेंगे। यह निर्णय ऑल हरियाणा पॉवर कॉरपोरेशनज वर्कर यूनियन के चिमनी बाई धर्मशाला में आयोजित सर्कल स्तरीय प्रतिनिधि सम्मेलन में लिया गया। यूनियन की केन्द्रीय कमेटी के उपमहासचिव रमेशचंद की अध्यक्षता में आयोजित सम्मेलन में बल्लभगढ़, ग्रेटर फरीदाबाद, एनआईटी, ओल्ड फरीदाबाद, पलवल, सोहना व नूंह यूनिटों के अधीनस्थ सब-यूनिटों से चुने हुए सैंकड़ों प्रतिनिधियों ने भाग लिया। सम्मेलन में सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के महासचिव सुभाष लाम्बा, एएचपीसी वर्कर यूनियन के उपप्रधान सतपाल नरवत, केन्द्रीय कमेटी सदस्य शब्बीर अहमद व रामबीर शर्मा की देखरेख में संपन्न हुए चुनाव में अशोक कुमार को फरीदाबाद व जितेन्द्र तेवतिया को पलवल सर्कल का सचिव चुना गया। इसके अलावा रामचरण पुष्कर को टीएस सर्कल फरीदाबाद का सचिव चुना गया।
सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के महासचिव सुभाष लाम्बा ने कहा कि केन्द्र में सत्तारुढ़ एनडीए सरकार चालू बजट सत्र में कर्मचारी, उपभोक्ता व जनविरोधी बिजली संशोधन बिल-2014 को पारित करवाने पर आमादा है। यह बिल पारित होने के बाद बिजली वितरण प्रणाली का निजीकरण हो जाएगा और सब्सिडी व क्रा सब्सिडी खत्म हो जाएगी। जिसके कारण बिजली आम गरीब, घरेलू उपभोक्ताओं व किसानों की पहुंच से बाहर हो जाएगी। उन्होंने कहा कि बिजली सेवाओं में निरंतर प्रकृति के कार्यों पर ठेका कर्मचारियों को लगाया हुआ है, जो पूरी तरह से गैर कानूनी काम है। सरकार न तो इनकी सेवाओं को पक्का करना चाहती और न ही समान काम के लिए समान वेतन देने को तैयार है। उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री श्लोगन दे रहे हैं कि एक देश-एक टैक्स। उन्हंोंने सवाल किया कि एक देश-एक पैंशन और एक देश-एक प्रकार की नौकरी क्यो नहीं है? एक देश में जनवरी, 2004 से पहले लगे कर्मचारियों को परिभाषित पैंशन स्कीम के तहत पैंशन मिलेगी और उसके बाद लगे कर्मचारियों को अंशदायी पैंशन स्कीम (एनपीएस) के तहत पैंशन मिलेगी, जो न के बराबर है। इसी प्रकार एक ही देश और एक ही विभाग में कच्चे व पक्के देा प्रकार के कर्मचारी हैं। समान काम करने के बावजूद भी कच्चे कर्मचारियों को समान वेतन नहीं मिलता। उन्होंने कहा कि नेशनल कोर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलैक्ट्रीसिटी इम्पलाईज एण्ड इंजीनियर के बैनर तले कर्मचारी व इंजीनियर 3 अप्रैल को संसद घेराव करेंगे। इसके बावजूद भी सरकार ने मांगों की अनदेखी की तो, 25 लाख बिजली कर्मचारी, जूनियर इंजीनियर व इंजीनियर राष्ट्रव्यापी हड़ताल / कार्य बहिष्कार करने पर मजबूर होंगे।
सम्मेलन में अन्य के अलावा यूनियन की केन्द्रीय कमेटी के नेता सतपाल नरवत, शब्बीर अहमद, रामबीर शर्मा, कंवरभान छावड़ा, बिजेन्द्र फौगाट व यूनिट कमेटी के नेता परमाल सिंह, रमेशचंद तेवतिया, कृष्णचंद, भूपसिंह, ग्रीस चंद, रिटायर्ड कर्मचारी संघ के नेता कर्मसिंह नागर, करतार सिंह व रिटायर्ड कर्मचारी संघ के नेता नवल सिंह नरवत, लज्जाराम, रतिराम सहरावत, के एन सिंह, राम भरोसे व मस्तराम रोहिल्ला आदि उपस्थित थे।