Faridabad News : अध्यादेश के जरिए हाईकोर्ट के निर्णय से प्रभावित कर्मचारियों की नौकरी सुरक्षित करने की मांग को लेकर कर्मचारियों ने कैडल मार्च एवं प्रदर्शन किया । सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के बेनर तले विभिन्न विभागों के कर्मचारी ईएसआईसी डिस्पेंसरी एनएच -5 में एकत्रित हुए और हाईकोर्ट के निर्णय से प्रभावित कर्मचारियों की सभा का आयोजन किया । इसके बाद कर्मचारियों ने एनएच -5 भगत सिंह चौक से 4-5 चौक तक कैडल मार्च किया और 50 दिन बीत जाने के बाद भी सरकार द्वारा कर्मचारियों की सेवा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अध्यादेश न लाने को लेकर प्रदर्शन किया । कैडल मार्च में पारित किये प्रस्ताव में 22 जुलाई को सीएम आवास चंडीगढ़ कूच में बढ चढ़ कर भाग लेने का निर्णय लिया । कैडल मार्च का नेतृत्व सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के महासचिव सुभाष लाम्बा, वरिष्ठ उप प्रधान नरेश कुमार शास्त्री, जिला प्रधान अशोक कुमार, सचिव युद्वबीर सिंह खत्री, विनोद कुमार, सतेन्द्र सिंह ,राहुल,रविन्द्र योगेश पांचाल व भूपेंद्र आदि नेता कर रहे थे।
उल्लेखनीय है की पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने 31 मई को वर्ष 2014 में हुड्डा सरकार द्वारा अधिसूचित नियमितिकरण की की नीतियों को रद्द कर दिया था और 6 महीने में सभी खाली पड़े पदों को नियमित भर्ती से भरने व सरकारी विभागों में काम कर रहे अनुबंध कर्मचारियों को नौकरी से बाहर करने का निर्णय दिया था । इस निर्णय से नियमित हुए 4654 कर्मचारी पुनः कच्चे हो जायेंगे और विभिन्न विभागों में कार्यरत लाखों कर्मचारियों को नौकरी से हाथ थोना पड़ेगा । सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा ने मुख्यमंत्री से 11 जून को मुलाकात करके विधायी शक्तियों का प्रयोग करते हुए हाईकोर्ट के निर्णय के क्रियान्वयन पर रोक लगाने व विधानसभा में एक्ट बना कर कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने की मांग की थी । सरकार ने हाईकोर्ट के निर्णय का अध्ययन करने व कर्मचारियों की नौकरी बचाने के लिए कोई रास्ता निकाले के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कमेटी गठित की है । सरकार पर अध्यादेश के जरिए नौकरी बचाने का चौतरफा दबाव बढता जा रहा है ।