Gurugram News, 17 Sep 2018 : देश के प्रमुख जियोग्राफिक इन्फॉर्मेशन सिस्टम (जीआईएस) सॉफ्टवेयर एवं सॉल्यूशंस प्रदाता ईएसआरआई इंडिया की ईएसआरआई इंडिया यूज़र कॉन्फ्रेंस (यूसी) 11 सितंबर को संपन्न हो गई। जीआईएस: इंस्पाइरिंग व्हाट्स नेक्स्ट’ थीम पर केंद्रित यूज़र कॉन्फ्रेंस के 19वें संस्करण का आयोजन देश के तीन शहरों- कोलकाता, हैदराबाद और दिल्ली-एनसीआर में किया गया था जिसमें 80 से अधिक वक्ताओं तथा लगभग 2500 जीआईएस यूज़र्स ने हिस्सा लिया। विद्वानों, जीआईएस पेशेवरों, नीति निर्माताओं, वैज्ञानिकों, शोधार्थियों, अकादमिक क्षेत्र से जुड़े लोगों और कारोबारी दिग्गजों के हिस्सा लेने के साथ कॉन्फ्रेंस में बिग डेटा एनालिटिक्स, आर्टिफिशिएल इंटेलिजेंस और इंटरनेट ऑफ थिंग्स समेत भविश्य की प्रौद्योगिकियों का इस्तेमाल कर नवोन्मेशी लोकेशन इंटेलिजेंस सॉल्यूशंस विकसित करने और उपयोग करने के लिए जीआईएस का फायदा उठाने के तरीकों के बारे में बात की गई।
श्री अगेंद्र कुमार, प्रेसिडेंट, ईएसआरआई इंडिया ने कहा, जीआईएस बदल रहा है और भौगोलिक सूचनाओं का प्रबंधन एवं विश्लेषण करने की पारंपरिक प्रणाली से आगे निकल रहा है। तीन शक्तिशाली प्रणालियां जो जीआईएस का हिस्सा हैं वे इंटीग्रेशन, एनालिटिक्स और मैपिंग एंड इंगेजमेंट हैं। यूज़र कॉन्फ्रेंस के माध्यम से प्रत्येक वर्ष ईएसआरआई इंडिया में हमारा लक्ष्य भविष्य के समाज के बदलाव की गति को बढ़ाने और मदद करने के लिए समान प्लेटफॉर्म पर जीआईएस इकोसिस्टम के सबसे बेहतरीन मस्तिष्कों को साथ लाने का होता है।
इस कॉन्फ्रेंस के प्रमुख वक्ताओं में अगेंद्र कुमार, प्रेसिडेंट, ईएसआरआई इंडिया और श्री डीन एंजेलाइड्स, कॉरपोरेट डायरेक्टर-इंटरनेशपल ऑपरेशंस, ईएसआरआई इंक शामिल थे जिन्होंने जीआईएस उद्योग को नया आकार देने वाले रुझानों और सरकार, कारोबार, एनजीओ एवं शिक्षा जगत में जीआईएस की वजह से आने वाले डिजिटल बदलावों के बारे में चर्चा की। दिल्ली-एनसीआर यूसी में शामिल वक्ताओं में से एक डॉ. पी.जी. दिवाकर, जाने-माने वैज्ञानिक एवं निदेशक, अर्थ ऑब्ज़रवेशन एंड डिजास्टर मैनेजमेंट, इसरो शामिल रहे जिन्होंने जीआईएस से नवोन्मेश को मिलने वाले प्रोत्साहन के बारे में अपने विचार साझा किए।
जीआईएस में डिजिटल बदलाव के अगले चरण की दिशा में ईएसआरआई इंडिया का सफर ग्राहकों के फायदे के लिए लोकेशन इंटेलिजेंस सॉल्यूशंस को बढ़ावा देगा और अपने सिटिजन सर्विसेज़ पोर्टफोलियो को मजबूती देगा। जीआईएस और बुनियादी ढांचे, प्रभावी शासन, डिजिटल बदलाव, आपदा प्रबंधन और शहरी विकास को लेकर सरकारी प्रयासों की बढ़ती समझ के साथ डीप लर्निंग के माध्यम से डिजिटल जियोग्राफी और प्रेडिक्टिव एनालिसिस की ओर ध्यान बढ़ रहा है।
तीनों शहरों के अन्य जाने-माने वक्ताओं में श्री जगन शाह, निदेषक, एनआईयूए, श्री अभिनव चंद्रा, सचिव, योजना विभाग, डॉ. टी.के. श्रीदेवी, आयुक्त एवं निदेशक, स्थानीय प्रशासन विभाग-तेलंगाना, श्री विष्णु चंद्रा, डीडीजी एवं समूह प्रमुख-आरएस एंड जीआईएस, यूटिलिटी मैपिंग एंड अर्बन डेवलपमेंट एवं अतिरिक्त वित्तीय सलाहकार, राष्ट्रीय सूचना केंद्र (एनआईसी), श्री अखिलेश कुमार श्रीवास्तव, मुख्य महाप्रबंधक (आईटी), एनएचएआई, डॉ. श्रीमती ताप्ती बनर्जी, निदेशक, नेशनल एटलसं एंड थीमैटिक मैपिंग ऑर्गनाइजेशन (एनएटीएमओ) और श्री आनंद रायसिंघानी, प्रमुख-प्लेटफॉर्म एंड डेटा मैनेजमेंट, सैप इंडिया शामिल थे जिन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में जीआईएस प्रौद्योगिकियों के लाभ के बारे में बात की।
सैप, टीसीएस, एजीनेक्स्ट टेक्नोलॉजीज़, सारमैप एसए, अर्थेकास्ट एंड डेमॉस-इमेजिंग और एरिस इंडिया ने डेमो जोन के माध्यम से अपनी प्रौद्योगिकियों का प्रदर्षन किया। इन जोन में स्मार्ट सिटी, स्मार्ट गवर्नेंस, पर्यावरण प्रबंधन, नागरिक सेवाओं और आपातकालीन प्रबंधन जैसे ईएसआरआई इंडिया के खास क्षेत्रों को कवर किया गया।