Faridabad News, 10 April 2019 : जिला निर्वाचन अधिकारी एवं उपायुक्त अतुल द्विवेदी ने लोकसभा आम चुनाव को लेकर आदर्श आचार संहिता के पालन तथा स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण चुनाव के लिए सभी से सहयोग की अपील की है। उन्होंने राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को आदर्श आचार संहिता का पालन करने के निर्देश देते हुए कहा है कि लोकतंत्र के इस महापर्व में निर्वाचन आयोग की हिदायतों के अनुसार कार्य करते हुए निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया में सभी सहयोगी बने।
जिला निर्वाचन अधिकारी ने राजनीतिक दलों को आदर्श आचार संहिता के सख्ती से पालन करने के निर्देश देते हुए कहा कि किसी भी राजनीतिक दल या प्रत्याशी को ऐसा कोई कार्य नहीं करना चाहिए, जो विभिन्न जातियों और धार्मिक या भाषाई समुदायों के बीच मतभेद को बढ़ाए या घृणा की भावना पैदा करे, जिससे कि समुदायों में तनाव पैदा हो। उन्होंने कहा कि जब अन्य राजनैतिक दलों की आलोचना की जाए, तो वह उनकी नीतियों और कार्यक्रम, पूर्व रिकार्ड और कार्य तक ही सीमित हो सकती हैं, व्यक्तिगत जीवन के ऐसे सभी पहलुओं की आलोचना नहीं की जानी चाहिए, जिनका संबंध अन्य दलों के नेताओं या कार्यकर्ताओं के सार्वजनिक क्रियाकलापों से हो। उन्होंने यह भी कहा कि वोट लेने के लिए जातीय या सांप्रदायिक भावनाओं की दुहाई नहीं दी जानी चाहिए और मस्जिद, गिरजाघर, मंदिरों या पूजा के अन्य स्थानों का निर्वाचन प्रचार के मंच के रूप में प्रयोग नहीं किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि सभी दलों और प्रत्याशियों को ऐसे सभी कार्यों से ईमानदारी के साथ बचना चाहिए, जो निर्वाचन विधि के अधीन भ्रष्ट आचरण और अपराध हैं, जैसे कि मतदाताओं को रिश्वत देना, डराना-धमकाना, मतदान केन्द्र के 100 मीटर दायरे में वोट मांगना और मतदाताओं को वाहन से मतदान केन्द्रों पर ले जाना। जिला निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि सभी राजनीतिक दलों तथा प्रत्याशियों को अपनी पार्टी का झंडा लगाने, सूचनाएं चिपकाने, नारे लिखने आदि के लिए किसी भी व्यक्ति की भूमि, भवन, दीवार आदि का उसकी अनुमति के बिना उपयोग नहीं करना चाहिए, साथ ही सहमति की सूचना संबंधित अधिकारी को देना भी अनिवार्य है। इसके साथ प्रत्याशियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके समर्थक अन्य दलों द्वारा आयोजित सभाओं व जुलूसों आदि में बाधाएं उत्पन्न ना करें। उपायुक्त ने कहा कि राजनीतिक दल अथवा प्रत्याशी को किसी प्रस्तावित सभा के स्थान और समय के बारे में स्थानीय अधिकारियों को पूर्व अनुमति तथा सूचना देनी जरूरी है, ताकि वे यातायात को नियंत्रित करने और शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए आवश्यक प्रबंध कर सकें। किसी भी राजनैतिक दल या प्रत्याशी को अन्य राजनीतिक दलों के सदस्यों या उनके नेताओं के पुतले लेकर चलने, उनको सार्वजनिक स्थान में जलाने और इसी प्रकार के अन्य प्रदर्शनों का समर्थन नहीं करना चाहिए।