Faridabad News, 25 July 2019 : फरीदाबाद इंडस्ट्रीज एसोसिएशन का एक प्रतिनिधिमंडल प्रधान श्री संजीव खेमका के नेतृत्व में केंद्रीय मंत्रियों एवं लोकसभा स्पीकर से मिला और उनसे मांग की कि एनसीआर में चल रहे औद्योगिक संस्थानों के संबंध में नीति को स्पष्ट किया जाये। कहा गया है कि विशेष रूप से प्रदूषण संबंधी नीति से पारदर्शिता एवं स्थाईपन अति आवश्यक है अन्यथा एनसीआर क्षेत्र में चल रहे उद्योगों का भविष्य अंधकार मय हो जायेगा।
प्रतिनिधिमंडल ने 2 जुलाई को सैंट्रल पोल्यूषण कंट्रोल बोर्ड द्वारा राज्य प्रदूषण बोर्ड के उस आदेश की ओर विशेष रूप से ध्यान दिलाया जिसमें कहा गया है कि सभी उद्योगों को बायलर में पीएनजी का प्रयोग आवश्यक है जो संस्थान 15 दिन में इसकी व्यवस्था नहीं करते उन्हें बंद करा दिया जाये।
प्रतिनिधिमंडल का कहना था कि प्रथम तो 15 दिन में व्यवसथा बदलना संभव ही नहीं क्योंकि इतनी जल्दी गैस आधारित बायलर मिलना संभव नहीं। इतना ही नहीं पीएनजी महंगी होने के साथ-साथ भविष्य में आवश्यकतानुसार उपलब्ध रहेगी। इस संबंध में कोई सर्वे अथवा जानकारी नहीं ली गई। पूरे एनसीआर में क्षेत्रवाईज केवल एक-एक कंपनी की सप्लाई व्यवस्था है जिसमें यदि कोई व्यवधान आता है तो पूरे उद्योग बंद हो सकते हैं।
केंद्रीय मंत्रियों का ध्यान इस ओर भी दिलाया गया है कि मात्र दो वर्ष पूर्व औद्योगिक संस्थानों ने करोड़ों रूपये खर्च कर केंद्रीय पोल्यूषण कंट्रोल बोर्ड द्वारा निर्धारित मानकों के अनुरूप अपने संस्थानों में एबैटमैंट टैक्नोलॉजी संयंत्र एवं ऑनलाईन चैकिंग हेतु डिवाईस लगाई है। ये संस्थान पूर्ण रूप से इन मानकों का पालन कर रहे हैं, ऐसे में उन पर ऐसा आदेश लादना कतई उचित नहीं ठहराया जा सकता।
यह भी कहा गया कि आगरा में ताजमहल को सुरक्षित करने के लिये वहां सब्सिडाईज गैस का प्रयोग अनिवार्य किया गया परंतु आंकड़े बताते हैं कि जब दिल्ली में प्रदूषण खतरे के बाहर हो जाता है तो आगरा में भी प्रदूषण का स्तर खतरे तक पहुंच जाता है। इससे स्पष्ट हो जाता है कि आगरा में करोड़ों रूपये का गैस अनुदान देने के बावजूद यह तजुर्बा फेल रहा है, ऐसे में इसको पूरे एनसीआर में दोहराने का क्या औचित्य है।
प्रतिनिधितंडल ने केंद्रीय मंत्रियों को यह भी बताया कि महंगी पीएनजी के कारण एनसीआर क्षेत्र के उद्योग अंतर्राष्ट्रीय स्पर्धा तो दूर स्थानीय स्तर पर स्पर्धा में नहीं ठहर पाएंगे क्योंकि एनसीआर से बाहर पीएनजी न होने के कारण लागत कम आएगी। टैक्सटाईल क्षेत्र तो विशेष रूप से प्रभावित होगा जो पहले ही बांगलादेश तक से स्पर्धा में पिछड़ रहा है।
प्रतिनिधिमंडल ने स्पष्ट किया कि एसोसिएशन प्रदूषण फैलाने के खिलाफ एवं पर्यावरण की रक्षा के लिये कटिबद्ध हैं। आंकड़े बताते हैं कि उद्योग क्षेत्र का प्रदूषण में मात्र ११ प्रतिशत का योगदान है। ऐसे में जो औद्योगिक संस्थान प्रदूषण फैलाते हैं उन पर कार्यवाही का एसोसिएशन समर्थन करती है परंतु जो संस्थान बोर्ड द्वारा निर्धारित मानकों का पालन कर रहे हैं उन्हें परेशान नहीं किया जाना चाहिए।
प्रतिनिधिमंडल अपना अथवा उद्योगों का पक्ष रखने के लिये पिछले एक सप्ताह से दिल्ली में सक्रिय था। हरियाणा के उद्योग मंत्री श्री विपुल गोयल भी इस प्रतिनिधिमंडल को प्रोत्साहित करते हुए उनके साथ केंद्रीय मंत्रियों से मिल रहे थे। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर (पर्यावरण) स्मृति इरानी (टैक्सटाईल) पीयूष गोयल (इंडस्ट्री एवं कामर्स) एवं श्री ओम बिरला स्पीकर लोकसभा ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि उनके पक्ष पर पूर्ण ध्यान दिया जायेगा और उद्योगों का हित सुरक्षित रखने का प्रयास किया जायेगा।
प्रतिनिधिमंडल में सर्वश्री मुकेश अग्रवाल, जसमीत सिंह (महासचिव), एस एस बांगा, विजय जिंदल, अनिल जैन (गुडग़ांव) एवं एसोसिएशन के कार्यकारी निर्देशक कर्नल शैलेन्द्र कपूूर शामिल थे।