Faridabad News, 28 Oct 2018 : रावल बी एस के स्कूल सेक्टर 56 में शोतोकान कराटे फेडरेशन ऑफ हरियाणा द्वारा गोल्डन कराटे कप चैंपियनशिप का आयोजन किया गया। इस चैंपियनशिप में हरियाणा से कई जिलों के लगभग 250 बच्चों ने भाग लिया। चैंपियनशिप के मुख्यअतिथि आईविंस के निर्देशक आनंद सिंह मौजूद थे। मुख्य तकनीकी निदेशक इंटरनेशनल रेफरी कराटे मास्टर गंगेश तिवारी ने आए हुए सभी अतिथियों का फूल माला से स्वागत किया और सभी खिलाड़ियों का हौसला बढ़ाया। इस अवसर पर आईविंस के निर्देशक आनंद सिंह ने कहाकि एक समय था जब लोग बच्चों को यह कहते थे की पढ़ोगे लिखोगे बनोगे नवाब खेलोगे कूदोगे तो होगे खराब। तो यह सब पुरानी बातें थी लेकिन अब समय बदल चुका है बच्चों को पढ़ाई के साथ साथ उनके मां-बाप खेलकूद में भी हिस्सा दिलवाए। तांकि वह पढ़ाई के साथ खेलकूद भी में भी अपने मां बाप का रोशन कर सकें। उन्होंने कहा कि एक समय था जब भारत सोने की चिड़िया कलाई जाती थी और आज हमारे भारत देश के खिलाड़ी जब बाहर देशों से गोल्ड लेकर भारत आते हैं तो लगता है कि 1 दिन फिर आएगा जिस दिन भारत सिर से सोने की चिड़िया कहलाएगा। इस अवसर पर उन्होंने सभी खिलाड़ियों को शुभकामनाएं दी। कराटे मास्टर गंगेश तिवारी ने कहाकि खिलाड़ियों को नियमित रूप से कराटे का अभ्यास करना चाहिए ताकि अधिक से अधिक मेडल जीतकर खिलाड़ी जिले में प्रदेश और देश का नाम रोशन कर सकें। इस अवसर पर स्कूल की प्रिंसिपल श्रीमती दीप्ती माथुर ने कहाकि खिलाड़ी मन और दिमाग से खेलें और जब खिलाड़ी मन और दिमाग से खेलता है तो वह अवश्य पुरस्कार का भागीदारी बनता है। खिलाडी को कभी भी गुस्से में आकर नहीं खेलना चाहिए उससे वह दूसरे खिलाडी को चोटिल कर सकता है। उन्होंने कहाकि खेलो से मानसिक विकास होता है कराटे एक ऐसा माध्यम है जिससे खिलाड़ी व स्वयं की रक्षा कर सकता है और निडरता के साथ दूसरों पर हो रहे अत्याचार को भी रोक सकता है।चैम्पियनशिप में विभ्भिन आयु वर्गों में खिलाड़ियों ने गोल्ड,सिल्वर और ब्रॉन्ज़ मैडल जीते। गोल्डन कराटे कप चैंपियनशिप में फरीदाबाद ने ऑल ओवर गोल्डन ग्लोबल कराटे कप पर अपना कब्ज़ा जमाया।
इस मौके पर शोतोकान कराटे फेडरेशन ऑफ हरियाणा के महासचिव प्रदीप गुप्ता, स्पोट्स इंचार्ज ज्ञान चंद डागर, धर्मेंद्र, योगेश गोदारा, रणवीर शर्मा, राजन रॉय, सलमान अली,अधिवक्ता एच एस तंवर, सुरेंद्र खोरीवाल, नासिर हुसैन, फ़िशान खान, मास्टर प्रिंस, सूरज साकेत, बलविंद्र गर्ग, दिनेश रावत, चंद्र बोस, रोहित ठाकुर, मनोज बेनीवाल सहित अन्य कोचों ने निर्णायक की भूमिका निभाई।