Faridabad News, 26 June 2021 : उपायुक्त यशपाल ने किसानों का आहवान किया है कि वे अपनी आमदनी बढ़ाने के लिए परंपरागत फसलों को छोड़ अमरूद के बाद लगाकर अच्छी आय प्राप्त कर सकते हैं । उपायुक्त यशपाल ने कहा कि जिला के ग्रामीण क्षेत्रों में भौगोलिक परिस्थिति भी अमरूद के बाग के लिए अच्छी है। अमरूद के बाग से किसान प्रतिवर्ष 1.5 लाख रुपये से 2 लाख रुपये तक वार्षिक आय प्राप्त कर सकते है।
उपायुक्त यशपाल ने कहा कि किसान अमरूद के बाग से परम्परागत खेती अर्थात गेंहू, कपास, धान आदि से लगभग तीन से चार गुणा अधिक आमदनी प्राप्त कर सकते है। किसान बागवानी विभाग से जुडकर फसलों के विविधिकरण को अपनाकर कम खर्च में ज्यादा आमदनी कमा सकते है। उन्होंने कहा कि अमरूद के बाग के लिए कटाई छटाई एक उपयोगी पद्घति है, जिससे अमरूद के बाग से कुछ गुणवत्ता के फल एवं अधिक पैदावार ले सकते है। आम तौर पर वर्ष में अमरूद की दो फसलें होती है। प्रथम फसल जुलाई से अगस्त तथा दूसरी फसल नवम्बर से जनवरी तक होती है। यदि हम अमरूद की कटाई छटाई उचित तरीके से करते है तो हम वर्ष में अमरूद की तीन फसल ले सकते है। इसके अन्तर्गत अमरूद के पौधों को फरवरी माह में दस से 15 सेंटीमीटर कच्ची टहनियों के सीरे काटते है तो जून से अगस्त माह में फसल प्राप्त कर सकते है। दूसरा यदि कटाई-छटाई जून माह में करते है तो हम नवम्बर से जनवरी तक फल प्राप्त कर सकते है। उन्होंने कहा कि यदि अक्तूबर माह में अमरूद के पौधों की कटाई छटाई करते है तो फरवरी-मार्च-अप्रैल माह में फल प्राप्त कर सकते है, जो कि बाजार में अच्छे भाव पर बेचकर किसान अपनी आमदनी बढ़ा सकता है।
उन्होंने बताया कि अमरूद के बाग के लिए कटाई छटाई की उचित विधि अपनाकर किसान अपनी आमदनी बढ़ा सकता है। यदि वर्षा ऋतु के फल की बात करें तो इस मौसम के फल अच्छी गुणवत्ता के नहीं होते। अमरूद के बागों से अच्छी गुणवत्ता की फसल प्राप्त करने के लिए हमें जून एवं अक्तूबर माह में कटाई छटाई करनी चाहिए। अमरूद के पौधे पर फल हमेशा नई टहनियों पर ही लगता है, जिसके दृष्टिगत उचित समय पर कटाई छटाई करनी चाहिए।
जिला उद्यान अधिकारी डॉ रमेश कुमार ने बताया कि किसान बागवानी विभाग से जुडकर कृषि विविधिकरण को अपनाकर अपनी आमदनी बढ़ा सकते है तथा खर्च को कम कर सकते है। किसान बागवानी विभाग द्वारा किसानों के कल्याण के लिए क्रियान्वित की जा रही योजनाओं का भरपूर लाभ उठाये।