20 को दिल्ली जाएंगे भारत के किसान : अम्बावता

0
859
Spread the love
Spread the love

Faridabad News, 16 Feb 2020 : भारतीय किसान यूनियन (अ) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ऋषिपाल अम्बावता ने केन्द्र की भाजपा सरकार की मनमानी एवं किसानों से वादा खिलाफी करने पर, समस्त भारत के किसान संगठनों की ओर से अपनी नारजगी जाहिर करते हुए कहा कि आगामी 20 फरवरी 2020 को समस्त भारत का किसान दिल्ली के संसद मार्ग का घेराव करने के लिए दिल्ली पर धावा बोलेगा। उन्होने उक्त संदेश भाकियू की राष्ट्रीय स्तरीय कार्यकारिणी की बैठक में अपने सभी पदाधिकारियों को संबोधित करते हुए दिया। उन्होने सभी प्रदेश अध्यक्षों को निर्देश दिए कि दिल्ली में होने वाले घेराव में अधिक से अधिक किसानों के साथ पहुंचे, ताकि केन्द्रीय कृषिमंत्री को अपना पांच सूत्रीय मांगपत्र दे सकें। उन्होने कहा यदि भाजपा सरकार ने किसानों की मांगे नहीं मानी तो फिर राष्ट्रव्यापाी आंदोलन किया जाएगा।

बैठक को संबोधित करते हुए श्री अम्बावता ने कहा जब तक भारत का किसान लाचार और कर्ज से दुखी होकर आत्म हत्याएं करेगा, तब तक देश आधुनिक होने के बाद भी खुशहाल और समपन्न नहीं होगा। उन्होने कहा अभी दिल्ली में पूरे देश के 15 प्रांतों के किसान पहुंचेंगे। उन्होने जानकारी देते हुए कहा भाकियू की ओर से केन्द्रीय कृषिमंत्री नरेन्द्र ङ्क्षसह तौमर को बुलाया गया है। उन्होने कहा भाजपा 2014 में किसानों के दम पर ही सत्ता में आई थी और उस समय वायदा किया था कि भाजपा सत्ता में आते ही भारत के किसानों को कर्जा मुक्त करेगी, गन्ने का समर्थन मूल्य बढाएगी। सुगर मिल किसानों की पेमेन्ट समय पर करेगी। किसानों को बैंक कर्ज आसानी से मिलेगा, मगर भाजपा ने किसानों को न केवल नजर अंदाज किया बल्कि किसानों की जमीन हडपने का काम किया है।

श्री अम्बावता ने कहा भारत सरकार ने किसानों की मांगे नहीं मानी। भाकियू ने अनेक बार सरकार को पत्र लिखे मगर भाजपा के नेता सत्ता के नशे में चूर हैं और किसानों से मिलते तक नहीं हैं। उन्होने कहा वर्तमान मोदी सरकार किसान विरोधी है, और केन्द्र और प्रदेश की भाजपा सरकारों ने किसानों को केवल झूठे सपने दिखाए हैं। उन्होने कहा मोदी ने नोटबंदी केवल अपने चंद उद्योगपति मित्रों को लाभ पहुंचाने के लिए की थी। इससे देश को भारी नुकसान उठाना पडा है। भाजपा की राजनीति किसान अब समझ गया है, और किसान ही भाजपा की सरकार को उखाड़ फेंकने का काम कर रहा है। दिल्ली इसका ताजा उदाहरण है। क्योंकि दिल्ली के किसान ने भाजपा को वोट नहीं दिया।

अम्बावता ने कहा भाकियू की पांच मांगे हैं जिनको पूरा कराने के लिए पूरे देश के किसानों को जाग्रित किया जा रहा है। जिसमें पहली मांग है पूरे देश का किसान कर्जा मुक्त हो, 2. स्वामी नाथन आयोग रिर्पाेट सी-2 के तहत लागू हो, 3. किसान आयोग का गठन, 4. किसान को बिजली कनेक्शन मुफ्त और बैंक लोन पर सब्सीडी मिले। 5. किसान को बुढापा पेंशन 5 हजार रू पये मिले, और गन्ने का भुगतान चार सौ रूपऐ के हिसाब से तुरंत हो। उन्होने कहा भाकियू के साथ देश के 20 राज्यों के किसान संगठन हैं। इस घेराव में राष्ट्रीय सचिव खडग सिंह सीकरी, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बलविन्द्र ङ्क्षसह बाजवा, हरियाणा के प्रदेश अध्यक्ष शमशेर सिंह दहिया, दिल्ली के सुरेश छिल्लर, गुजरात के रवि पटेल, राजस्थान के चौ. बनै सिंह, एम पी के सुबोध पांडे, उत्तराखण्ड से विकास सैनी, महाराष्ट्र से जयबंत पाटिल, आंध्र प्रदेश से मुस्ताक वाजिद अली, बिहार से मुकीन अंसारी, उत्तर प्रदेश से अशोक नागर युवा अध्यक्ष, जग्गी पहलावन, गंगा प्रसाद यादव सहित अनेक राज्यों के प्रधान और जिला अध्यक्ष अपने सैकडों किसानों के साथ दिल्ली पहुंचकर चक्का जाम करेंगे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here