महिला सशक्तिकरण के लिए महिलाओं को खुद मजबूत होकर खड़ा होना पड़ेगा, तभी वे रोजगार, शिक्षा, आर्थिक तरक्की में बराबरी का मुकाम हासिल कर सकेंगी

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फरीदाबाद। महिला सशक्तिकरण और बैंकिंग योजनाएं विषय परलिंग्याज विद्यापीठ ने सोमवार को कामरा गांव में जागरुकता कार्यकऱ्म का आयोजन किया। इस दौरान मुख्य वक्ता स्कूल ऑफ ह्यूमिनिटीज की असिस्टेंड प्रोफेसर डा. रश्मि मनियार ने कहा कि आजस्त्री को सृजन की शक्ति माना जाता है। अर्थात स्त्री से ही मानव जाति का अस्तित्व है। महिला सशक्तिकरण का अर्थ महिलाओं की सामाजिक और आर्थिक स्थिति में सुधार लाना है, जिससे उन्हें रोजगार, शिक्षा, आर्थिक तरक्की के बराबरी के मौके मिल सकें।जिससे वे सामाजिक स्वतंत्रता और तरक्की प्राप्त कर सकें। उन्होंने आह्वान किया कि महिला सशक्तिकरण के लिए महिलाओं को खुद मजबूत होकर खड़ा होना पड़ेगा, तभी वे रोजगार, शिक्षा, आर्थिक तरक्की को लेकर बराबरी के मौके हासिल कर सकेंगी। इस दौरान महिलाओं सहित गांव के पुरुषों को बैंकिंग योजनाओं की जानकारी भी दी गई। जिससे वे इनका लाभ लेकर आर्थिक रूप से मजबूत बन सकें। बैंक ऑफ इंडिया की अधिकारी कीर्ति ने कहाकि बैंक की योजनाओं का लाभ लेकर महिलाएं भी स्वरोज अपना सकती हैं। इसके अलावा सुकन्या समृद्धि योजना, अटल पेंशन योजना, जीवन ज्योति आदि योजनाएं सरकार ने चला रखी हैं, जिनका महिलाओं को लाभ लेना चाहिए। इस दौरान ग्रामीणों ने बैंक की विभिन्न योजनाओं के बारे में सवाल किए। जिनका बैंक अधिकारी ने जवाब दिया। इस दौरान गांव के सरपंच केशव व अन्य बुजुर्गों को भगवद गीता भेंट देकर उनका सम्मान किया गया। गर्लअप-लिंग्याजक्लबकी ओर सेस्कूल ऑफ ह्यूमिनिटीज एंड सोशल साइंस की छात्रा निकी और श्रेया ने महिलाओं के लिए स्वच्छता के विषय पर इंटरेक्टिव टॉक शो आयोजित किया।इस खास अवसर पर लिंग्याज ग्रुप के चेयरमैन डा. पिचेश्वर गड्डेजी ने सभी को बधाईयांदेते हुए कहा कि हम आगे आने वाले समय में भी इसी तरह से और ग्रामीणक्षेत्रों में ऐसे ही जागरूकता फैलाते रहेंगे ताकि ग्रामीण महिलाओं को महिला सशक्तिकरण व सरकार द्वारा चल रही योजनाओं का उन्हें पता रह सके और उसका वो लाभ उठा सके।

 

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