जे सी बोस विश्वविद्यालय में चार दिवसीय वेबिनार सीरीज का शुभारंभ

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Faridabad News, 15 June 2020 : भारत सैन्य क्षमता में किसी भी प्रकार से चीन से कम नही है कहना है पूर्व नेवी सैनिक एवं इंडिया फाउंडेशन के डायरेक्टर कैप्टेन आलोक बंसल का जो जे.सी बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्विद्यालय के संचार एवं मीडिया टेक्नोलॉजी विभाग द्वारा आयोजित ‘ भारत-चीन-पाकिस्तान सीमा विवाद की सच्चाई’ नामक विषय आधारित वेबिनार में बोल रहे थे । कप्तान आलोक बंसल ने आगे कहा कि चीन जो आज लद्दाख़ में भारतीय सीमा में घुसपैठ की कोसिस कर रहा है वह शायद 1967 की मार और हार भूल गया है जब उसको सिक्किम बॉर्डर में घुसपैठ के बदले भारतीय सैनिको के हाथ बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा था परिणामस्वरूप चीन को पीछे हटना पड़ा था। उन्होंने आगे कहा कि 1967 में हार के बाद चीन की सेना ने कभी भारतीय सैनिक चौकियों पर हमला नही किया। कप्तान आलोक बंसल ने साफ कहा कि भारत चीन के उत्पादों का बहुत बड़ा बाजार है इसलिए चीन कभी भारत पर हमला करने की दुःसाहस नही करेगा। उन्होंने उम्मीद जाहिर की कि वर्तमान लद्दाख में भारत-चीन सीमा विवाद बहुत जल्द बातचीत से सुलझ जाएगा। विश्विद्यालय के कुलपति प्रोफेसर दिनेश कुमार ने चारदिवसीय वेबिनार सिरीज़ का आज सुभारम्भ करते हुए कहा कि अगले चार दिन मीडिया विभाग मीडिया के कई विषयों पर वेबिनार आयोजित कर रहा है इससे मीडिया छात्र एवं आमजन जरूर लाभान्वित होंगे। उन्होंने आज के वेबिनार के सुभारम्भ संबोधन में कहा कि इन चार दिवसीय वेबिनार सिरीज़ का नाम संवाद रखा गया है और संवाद से ही मजबूत प्रजातंत्र स्थापित होता है। आज के वेबिनार से भारत-चीन-पाकिस्तान सीमा विवाद के कई अनजाने तथ्य आज आमजन को इस संवाद के जरिये जानने को मिलेंगे।

वेबिनार में पधारे विषय विशेषज्ञ वरिष्ठ पत्रकार डॉ वेदप्रताप वैदिक ने कहा कि भारत-चीन-पाकिस्तान सीमा विवाद बहुत पुराना है जिसका एक कारण उस समय तकनीक की कमी और तीनों देश के नेताओ के आपसी समझदारी थी। किन्तु आज परिस्थितियां बहुत बदल चुकी है। आज तीनों देश के नेता आपस मे सीमा विवाद पर बात करना दो दूर, एक दूसरे की पास बेठना तक पसंद नही करते है। डॉ वैदिक जी का मानना था कि तीनों देश के नेता अगर सीमा विवाद को सुलझाना चाहे तो ये सीमा विवाद सुलझ सकता है। साथ ही उन्होंने कहा कि दक्षिण -एशिया के ये तीनो देशों को अब सीमा विवाद से आगे बढ़कर काम करने की जरूरत है। उन्होंने आगे कहा अगर ऐसा होता है तो पूरे दक्षिण-एशिया की गरीबी हमेसा के लिए मिट सकती है। और विकास की आंधी आ सकती है।

वेबिनार में पधारे वरिष्ठ पत्रकार एवं मीडिया प्रोफेसर के जी सुरेश ने कहा कि भारत-चीन-पाकिस्तान सीमा विवाद का एक मुख्य कारण मीडिया का निस्पक्ष नही होना है। उन्होंने आगे कहा कि तीनो देश का मीडिया जानबूझ कर सीमा विवाद को अपने हितों के हिसाब से छाप रहा है जिससे सीमा विवाद में कई गैरजरूरी चीजो को तूल दिया जा रहा है। प्रो. सुरेश ने आगे कहा कि सरकार को गैरजिम्मेदार मीडिया पर जरूर ध्यान देना चाहिए ताकि सीमा विवाद से जुड़ी असल स्तिथि जनता तक पहुँच सके। प्रोफेसर सुरेश ने उम्मीद जाहिर की भारतीय मीडिया कम-से-कम सीमा विवाद जैसी खबरों को सनसनीखेज बनाने से बचेगा। वेबिनार में प्रश्न-उत्तरी काल मे विषय विशेषज्ञों ने छात्रों के सवालों के जवाब दिए। आखिर में विश्विद्यालय के कुलसचिव डॉ सुनील कुमार गर्ग ने सभी मेहमानों का धन्यवाद किया। वेबिनार सिरीज़ मीडिया टेक्नोलॉजी विभाग के डीन प्रोफेसर अतुल मिश्र की देखरेख में आयोजित किया गया।

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