Faridabad News : श्रीमान पुलिस आयुक्त श्री अमिताभ सिंह ढिल्लो के दिशा निर्देश पर प्रभारी साईबर अपराध शाखा निरीक्षक सुरेश कुमार, व उनकी टीम के तफतीश अधिकारी उप निरीक्षक राजेश कुमार, सहित स.उप.नि. योगेश कुमार, स.उप.नि. बाबूराम, स.उप.नि. जावेद खान, स.उप.नि. ध्रमेन्द्र, स.उप.नि. प्रमोद कुमार, स.उप.नि. सरजीत, मु.सि. वसीम अहमद, मु.सि. नरेन्द्र, मु.सि. वीरपाल सि. देवेन्द्र कुमार व म/सि. इन्दूबाला साईबर अपराध शाखा ने सराहनीय कार्य करते हुए तकनीक सहायता का प्रयोग करते हुए दिनांक 14.02.18, व 15.02.18 को निम्नलिखित 2 आरोपियों को गिरफतार करने में सफलता हासिल की है।
गिरफतार किए गए आरोपियों का विवरणः-
1. विकास झा पुत्र राम प्रताप झा निवासी 3640 रामनगर एक्सटेन्सन गली नं. 1, लोनी रोड, शहादरा दिल्ली।
2. अविनाश भारद्वाज पुत्र श्री शम्भूनाथ निवासी फलैट न. बी.-55, तृृतिय तल, संजय एन्कलेव, उत्तम नगर दिल्ली।
आप को बताते चले कि दिनांक 05.02.2018 को सुनील मण्डल पुत्र जय सुन्दर मण्डल निवासी म. न. ए-3074, सैक्टर 3, फरीदाबाद ने एक शिकायत दी कि मेरे कार्ड से दिनांक 02/01/2018 को आनलाईन प्रचेजिंग की गई है। जो की मैने नही किया है। जिसका बिल 70ए000ध्. है। मैने अपना डाटा किसी से सार्वजनिक भी नही किया है। जिस पर मुकदमा न. 135 दिनांक 05.02.2018 धारा 380, 419, 420 व 120 बी. भा.द.स. थाना सैक्टर 7, फरीदाबाद में अभियोग अकिंत किया गया।
प्रभारी निरीक्षक सुरेश ने बताया कि जांच में सामने आया कि उपरोक्त आरोपियान को फर्जी मोबाईल सिम व बैंक खाते उपलब्ध कराने वाले निम्नलिखित आरोपीगण है जिनको दिनांक 24.02.18 व 25.02.18 को गिरफतार किया गया है।
1. तरूण पाल पुत्र विनयपाल निवासी हाल म. न. ज्ञ.139, बी द्वितीय तल, सैक्टर 9, विजयनगर गाजियाबाद उत्तरप्रदेष।
2. हिमाषु उर्फ सोनू शर्मा पुत्र मदन मोहन शर्मा जाति पंडित निवासी गांव गोकूल मोहल्ला नजदीक गोकूल नाथ मदिंर थाना महावन जिला मथुरा उ.प्र.।
पूछताछ पर पता चला कि उपरोक्त आरोपियान स्टेट बैंक ऑफ इण्डिया, आर.बी.एल. बैंक व कोटेक महिन्द्रा बैंक के क्रेडिट कार्ड होल्डरों को फिसिंग पेज का लिंक भेजकर उनके क्रेडिट कार्ड व ई-मेल की जानकारी हासिल करके उनके खातों से उनकी मर्जी के बिना पैसे निकाल लेते थे। जिनकी फर्जी सिम व बैेंक खाते दिलाने में आरोपी तरुण पॉल व हिमान्षु उर्फ सोनु मदद करते थे। जो तरुण पॉल जब भी कोई ग्राहक अपने मोबाईल न. से आधार लिंक कराने के लिये दुकान पर जाता तो उसका अंगूठा लगवाकर एक सिम चालू कराकर अपने पास रख लेता बाद में उसके नम्बर को आधार से लिंक करता था। अपराध में प्रयोग किये गये मोबाईल सिम फर्जी पाये गये व बैंक खाते अलग-2 नामों से पाये गये है। आरोपियान के बैंक खातों में करीबन एक-डेढ करोड रुपया खातों में आवागमन होना पाया है। जिन्होंने एनसीआर में काफी वारदात करनी बतलाई है।
बरामदगीः- 60 हजार रूप्ये, अपराध मे प्रयोग किया गया मोबाईल फोन, फर्जी 65 मोबाईल सिम व विभिन्न बैंको के ए.टी.एम कार्ड बरामद किए गए है।