February 21, 2025

पहले सूरजकुंड मेला से लेकर इस बार भी बरकरार है बायस्कोप का जलवा

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Faridabad News, 10 Feb 2019 : राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के समीप हरियाणा के फरीदाबाद में चल रहा 33वां अंतर्राष्ट्रीय सूरजकुण्ड शिल्प मेला में शिल्पकारों के हुनर के साथ-साथ एक ऐसी कला भी तीन दशकों से अधिक अंतराल से लगातार इस महाकुंभ का हिस्सा बनी हुई है जिसे एक जमाने में मनोरंजन का बड़ा साधन समझा जाता था। कभी फिल्मों, महानगरों या फिर बड़े मेलों में दिखने वाला बायस्कोप आज भी सूरजकुण्ड मेला में अपनी चमक के साथ बरकरार है।

सूरजकुण्ड मेला के अब तक के सफर में भंवर सिंह का परिवार बायस्कोप के जरिए हमसफर रहा है। इस बार भी भंवर के परिवार के लोग छ: बायोस्कोप लेकर पहुंचे हैं। दिन भर हर बायोस्कोप पर बच्चों व युवाओं की खूब भीड़ देखी जा रही है। भंवर के पुत्र संजय ने बताया कि सूरजकुण्ड में पहले मेले से लेकर इस बार तक हर वर्ष उनके परिवार ने यहां पर बायोस्कोप का प्रदर्शन किया है। पहले बायोस्कोप को मेले में मनोरंजन का प्रमुख साधन माना जाता था। अब समय के साथ तकनीक के बढ़ते इस्तेमाल से मनोरंजन के अनेक विकल्प आ गए है लेकिन सूरजकुण्ड में आने वाला हर पर्यटक बायोस्कोप की ओर अवश्य आकर्षित होता है।

33 वें अंतर्राष्ट्रीय सूरजकुण्ड शिल्प मेला में बायस्कोप राजस्थान से गोपाल लेकर आए हैं। उस पर बजती फिल्मी गीतों की धुन और नीचे लगी डिब्बियों पर आंखे गड़ाए बच्चे तन्मयता से मनोरंजन करते नजर आते हैं। बच्चों के अभिभावकों गुरूग्राम से आए सुनील कुमार, फरीदाबाद से आए सतनारायण, नई दिल्ली से आई महिमा ने बताया कि उन्हें बचपन के दिन याद आ गए। तब मनोरंजन के नाम पर सिनेमा होता था या किसी किसी के घर पर टीवी। ऐसे में जब बायस्कोप गलियों से गुजरता था, तब सभी अपने बच्चों का उसी से मनोरंजन कराते थे।

बायोस्कोप देखने के उपरांत हर्ष, मयंक व जयेष ने बताया कि अंदर स्क्रीन पर लालकिला, ताजमहल, चारमीनार, गेटवे ऑफ इंडिया आदि दिखाई दिए। बायोस्कोप के जरिए बच्चों को भारत दर्शन कराना अभिभावकों को भी उत्साहित करने वाला रहता है। इतना ही नहीं अनेक बुजुर्ग भी कई बार बायोस्कोप के जरिए अपने पुरानी यादें ताजा कर लेते हैं। बायोस्कोप चलाने वाले संजय ने बताया कि भारत दर्शन के अलावा बालीवुड के कलाकार व समय के अनुसार चित्र इसमें डाल दिए जाते हैं। बायस्कोप की खासियत एक ओर भी है कि 20 रुपये में एक बच्चा और 30-40 रुपये में तीन से चार बच्चे इसे देख कर मन बहलाते हैं।

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