Faridabad News, 30 July 2019 : सावन मास के माह में कावड़ लाने की परम्परा व संस्कृति हमारे कावंडिय़ों ने सदैव बनाये रखी है। फरीदाबाद में पिछले 11 वर्षों से लगातार लगभग 45 किलो की शिव भोले की मूर्ति को कंधे पर नीलकंठ से लेकर आने वाले कांवडि़ए कवि हरसाना का मंगलवार को फरीदाबाद पहुंचने पर गुरू सेवक संघ फरीदाबाद के सेवादार टेकचंद नन्द्राजोग (टोनी पहलवान), सरदार कुलदीप सिंह साहनी, सरदार सरबजीत सिंह चौहान, किशन छाबड़ा, विनय लाम्बा, रोहित आहूजा, मोहित अरोरा, कर्मवीर नरवाल, संजय खण्डेलवाल, नवीन पसरीजा, अमित भल्ला ने ओल्ड फरीदाबाद चौक पर स्वागत किया। इस मौके पर गुरू सेवक संघ फरीदाबाद के सेवादारों ने कावंडिय़े कवि हरसाना को भागवत गीता भेंट।
इस मौके पर कांवडिय़े कवि हरसाना ने कहा कि वह पिछले 11 वर्षों से लगातार शिव बाबा की मूर्ति को लेकर कावंड़ लेने जाते है और हर वर्ष महाशिवरात्री के समय फरीदाबाद पहुंचकर जल चढ़ाते है। उन्होंने कहा कि इस कार्य से उन्हें आत्मसंतुष्टि मिलती है। टेकचंद नन्द्राजोग (टोनी पहलवान) ने कहा कि भारत ऋषि मुनियों की पवित्र धरा है और इस धरा पर कई ऋषि मुनियों ने वास किया है। हम सभी को गर्व महसूस करना चाहिए कि हम भारतवर्ष जैसे महान देश के नागरिक हैै जहां परम्परा, संस्कृति का संगम समय-समय पर देखने को मिलता है।
टेकचंद नन्द्राजोग (टोनी पहलवान) व सरदार कुलदीप साहनी ने संयुक्त रूप से कहा कि कांवड़ लाना बहुत ही पुण्य का कार्य है। इस कार्य को करने से जहां आपसी भाईचारा बना रहता है। वहीं धर्म का विस्तार भी होता है, जोकि हमारे युवाओं व आने वाली पीडिय़ों के लिए लाभदायक सिद्ध होगी।