Faridabad News, 18 Oct 2018 : तेरी रहमत का अजीब करिश्मा देखा, चलता तू है और पहुंचता मैं हूं। भगवान की कृपा बताते हुए यह बात श्री लक्ष्मीनारायण दिव्यधाम एवं श्री सिद्धदाता आश्रम के अधिपति श्रीमद जगदगुरु रामानुजाचार्य स्वामी श्री पुरुषोत्तमाचार्य जी ने भक्तों के बीच कहे। यहां दशहरा उत्सव में हजारों लोगों ने शिरकत की।
स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य जी ने भक्तों के बीच प्रवचन में कहा कि यह मानव शरीर हमें हमारे किसी कर्म के कारण नहीं बल्कि भगवान की कृपा से प्राप्त हुआ है। हमारी श्वास भी भगवान की कृपा के कारण चल रही है। उन्होंने कहा कि भगवान ने हमें काबिल बनाने के लिए मानव का जन्म दिया क्योंकि मानव ही एक ऐसा जन्म है जहां कि जीव अपने मस्तिष्क का उपयोग कर सकता है। लेकिन इसके दुरुपयोग के भी रास्ते खुले रहते हैं। उन्होंने कहा कि आध्यात्मिक व्यक्ति गलत कर्मों से दूर रहता है फिर भी कहीं भटकने से रोकने के लिए गुरु की बड़ी भूमिका होती है।
उन्होंने कहा कि घास खाने वाला जीव मांस नहीं खाता और मांस खाने वाला जीव घास नहीं खाता। परन्तु मानव सबकुछ खा जाता है। हमें यह सोचना होगा कि क्या करना है और क्या नहीं करना है। जिसमें यह समझ है वही मानव है।
इससे पहले श्री गुरु महाराज ने मंदिर और वैकुंठवासी स्वामी सुदर्शनाचार्य जी महाराज की समाधि पर पूजन करने के बाद लोककल्याण के लिए यज्ञ भी किया। उन्होंने आए हुए सभी भक्तों को आशीर्वाद एवं प्रसाद प्रदान किया। वहीं आश्रम की ओर से भोजन प्रसाद के साथ साथ दर्जनों स्टॉलों पर भी भक्तों ने प्रसाद प्राप्त किया।
इस अवसर पर आरती संग्रह पुस्तक का विमोचन श्री गुरु महाराज द्वारा किया गया वहीं जयपुर से आए गायक संजय पारिख, नन्हीं बच्चियों जीविका एवं वासू ने अपनी अपनी प्रस्तुतियों से सभी का मन मोह लिया।