Faridabad News : श्री रामानुज संप्रदाय के पवित्र तीर्थ क्षेत्र श्री सिद्धदाता आश्रम में श्री गोवर्धन पूजन सविधि संपन्न हुआ। इसके बाद लोगों में अन्नकूट का प्रसाद भी वितरित किया गया। इस दिन को विश्वकर्मा दिवस के रूप में भी मनाए जाने की परंपरा है। जिससे यहां के कामगारों ने भगवान विश्ववकर्मा का भी पूजन किया।
आश्रम के अधिपति अनंतश्री विभूषित इंद्रप्रस्थ एवं हरियाणा पीठाधीश्वर श्रीमद जगदगुरु रामानुजाचार्य स्वामी श्री पुरुषोत्तमाचार्य जी महाराज के निर्देश पर गोबर से करीब 12 फुट लंबे गोवर्धन महाराज का चित्र बनाया गया। जिसका सविधि पूजन किया गया। इस अवसर पर आचार्य जी ने कहा कि गोवर्धन महाराज यानि भगवान श्रीकृष्ण ने देवराज इंद्र के अहंकार को तोडऩे के लिए सभी गोकुलवासियों को गोवर्धन पर्वत के नीचे शरण दी और इंद्र लोगों का कुछ नहीं बिगाड़ सका। तब उसने भगवान श्रीकृष्ण से क्षमा मांगी। भगवान कहते हैं कि अहंकार मेरा भोजन है। अर्थात जो अहंकार करते हैं, उन्हें मैं नष्ट कर देता हूं। इस प्रकार भगवान अहंकार करने वाले को कभी भी माफ नहीं करते हैं। स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य जी महाराज ने कहा कि कभी भी अहंकार मत करो। भगवान को अहंकार नहीं सहजता पसंद है।
इसके बाद स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य जी महाराज ने भक्तों को प्रसाद एवं आशीर्वाद भी प्रदान किया। वहीं विश्वकर्मा जयंती होने से मंदिर में काम करने वाले कामगारों ने अपने टूल्स का पूजन भी किया। आश्रम एवं मंदिर परिसर में सुबह से ही आने वालों के लिए भोजन प्रसाद के साथ ही अन्नकूट की व्यवस्था की गई थी कि जो शाम को पूजन में न आ सकें, उन्हें भी भगवान का प्रसाद प्राप्त हो जाए।