Faridabad News : सरकार हठधर्मिता छोड़ आशा वर्कर यूनियनस से बातचीत कर वर्करों की समस्याओं का समाधान करें। यह बात आज अखिल भारतीय किसान महासंघ के प्रधान मास्टर शेर सिंह ने बीके चौक पर पिछले पांच दिनों से राज्य स्तरीय आह्वान पर धरने पर बैठी आशा वर्करों को सम्बोधित करते हुए कहीं। श्री सिंह ने किसान सभा की ओर से आशाओं के आन्दोलन को पूरजोर समर्थन करते हुए कहा कि सरकार चुप्पी तोडक़र आशा वर्कर से बातचीत का रास्ता खोले सरकार द्वारा पिछले पांच दिनों से आशा वर्कर के आन्दोलन की अनदेखी की जा रही है। उन्होंने सरकार की बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ के नारे को भी ढकोसला करार दिया। उन्होंने कहा कि यदि सरकार बेटियों के प्रति संवदेना रखती है तो हजारों आशा बेटियां पांच दिन से आन्दोलन कर रही है, लेकिन सरकार ने बातचीत तक करना गवारा नहीं समझा।
आज के धरने की अध्यक्षता आशा वर्कर यूनियन की जिलाध्यक्ष हेमलता ने की तथा मंच का संचालन सुधा पाल ने किया। आज के धरने में सर्व कर्मचारी संघ, हरियाणा के राज्य वरिष्ठ उपाध्यक्ष नरेश कुमार शास्त्री, मुख्य संगठन कर्ता विरेन्द्र सिंह डंगवाल, किसान सभा के जिला प्रधान नवल सिंह नरवत, सीआईटू के नेता लालबाबू शर्मा व निरन्तर पाराशर, पर्यटन विभाग के नेता डिगम्बर डागर भी विशेष तौर पर उपस्थित थे।
सभा को सम्बोधित करते हुए नरेश शास्त्री ने सर्व कर्मचारी संघ, हरियाणा की ओर से आशा वर्कर आन्दोलन का समर्थन करते हुए सरकार को चेतावनी दी है कि यदि सरकार 29 जनवरी तक आशा वर्कर्स की मांगों का समाधान नहीं करेगी तो 30 जनवरी को जिला मुख्यालय पर सत्याग्रह, जेल भरो आन्दोलन में आशा वर्करों के मुद्दे को प्रमुखता से उठाया जाएगा। श्री शास्त्री ने कहा कि सरकार को 45वें श्रम सम्मेलन की सिफारिशों के अनुरूप आशा वर्कर्स को 18 हजार रूपए वेतन देने व सामाजिक सुरक्षा के दायरे में शामिल करने के साथ-साथ कर्मचारी का दर्जा दे देना चाहिए, लेकिन सरकार श्रमिकों के हितों की रक्षा करने की बजाय श्रम कानूनों में बदलाव करके सरकार मजदूर विरोधी साबित हुई है।
आज के इस धरने में जिला कोषाध्यक्ष रेनू रावत, उपप्रधान सुशीला, सहसचिव शाहीन प्रवीन, उपप्रधान पूजा, नीलम जोशी, अनिता, रेखा, अनिता, नगरपालिका कर्मचारी संघ, हरियाणा के राज्य सचिव सुनील कुमार चिंडालिया सहित अनेकों आशा वर्कर मौजूद थी।