Faridabad News, 29 Oct 2019 : एनएच-5 स्थित श्री तत्कालेश्वर शिव मंदिर के प्रांगण में सोमवार रात को गोर्वधन महाराज की विशाल आकृति बनाकर उसकी पूरे विधि विधान से पंडित मनोज कौशिक,पंडित नंदकिशोर जी, मंदिर के प्रधान हर्ष मल्होत्रा,महासचिव बंसीलाल कुकरेजा,कोषाघ्यक्ष सुनील महाजन व अन्य भक्तों ने पूजा की। इस मौके पर प्रधान हर्ष मल्होत्रा, महासचिव बंसी लाल कुकरेजा व सुनील महाजन ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने इन्द्र का मान नष्ट करके गिर्राज पूजा कराई थी तब सभी बृजवासियों ने गोर्वधन पहुंचकर गिर्राज पूजन किया और 56 भोग लगाया। उन्होनें कहा कि आज भी वृदांवन में बांके बिहारी जी को दिन में आठ बार भोग लगाया जाता है क्योकि पूरे सात दिन भगवान श्रीकृष्ण ने भूखे प्यासे गोवर्धन पर्वत को उठाए रखा था। उन्होनें कहा कि 56 भोग से मन के विकार दूर होते है और मन की शुद्वि होती है। उन्होनें कहा कि मूलत: यह प्रकृति की पूजा है जिसका आरम्भ श्री कृष्ण ने किया था. इस दिन प्रकृति के आधार के रूप में गोवर्धन पर्वत की पूजा की जाती है और समाज के आधार के रूप में गाय की पूजा की जाती है. यह पूजा ब्रज से आरम्भ हुयी थी और धीरे धीरे पूरे भारत वर्ष में प्रचलित हुई। इस अवसर पर रीटा रामपाल,कमला अरोड़ा,महेश बजाज,अशोक कक्कड़,केवल सचदेवा,संजय अरोड़ा,सुनील अरोड़ा,राकेश भाटिया, पूनम ग्रोवर,रमन ग्रोवर,गुलशन सहगल व तरूण ग्रोवर सहित कई भक्त मौजूद थे।