हरियाणा सरकार ने घरौड़ा गांव के सरकारी स्कूल को किया शहीद लेफ्टिनेंट कर्नल ऋषभ शर्मा के नाम

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फरीदाबाद 27 जनवरी: फरीदाबाद के गाँव घरौड़ा के GB शहीद लेफ्टिनेंट कर्नल ऋषभ शर्मा पिछले साल 25 जनवरी को एक हेलीकॉप्टर क्रैश में वीरगति को प्राप्त हो गए थे, ऋषभ शर्मा को सम्मान देते हुए हरियाणा सरकार ने गाँव घरौड़ा में बने सरकारी स्कूल को उनके नाम पर कर दिया है, 26 जनवरी गणतंत्र दिवस पर स्कूल का नाम बदलकर ‘शहीद लेफ्टिनेंट कर्नल ऋषभ शर्मा राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय घरौड़ा’ कर दिया गया। शहीद ऋषभ शर्मा की पत्नी वीर नारी राधा शर्मा, समस्त परिजनों एवं गांव वालों ने हरियाणा सरकार के इस कदम की स्वागत किया है। ऋषभ शर्मा की शहादत के बाद हरियाणा सरकार ने स्कूल का नाम उनके नाम करने का वादा किया था और गणतंत्र दिवस पर सरकार ने वादा पूरा किया है।

शहीद लेफ्टिनेंट कर्नल ऋषभ शर्मा राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय घरौड़ा में 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाया गया, वीर नारी राधा शर्मा ने स्कूल में राष्ट्रीय ध्वज फहराया और अपने शहीद समस्तजनों ने शहीद ऋषभ शर्मा को श्रद्धांजली दी, इस दौरान गाँव के लोग, स्कूल की प्रिंसिपल एवं समस्त शिक्षकों के अलावा स्कूल के कुछ विद्यार्थी भी मौजूद थे।

वीर नारी राधा शर्मा ने बताया कि ‘लेफ्टिनेंट कर्नल ऋषभ शर्मा ने छोटी से उम्र में जो छाप छोड़ी, वो आम मनुष्य नहीं कर सकता, वो एक सैनिक ही कर सकता है। एक आबादी के क्षेत्र को बचाते हुए उन्होनें अपने प्राण न्योच्छावर कर दिए. चाहते तो लैंडिंग कराकर वो बच सकते थे, लेकिन आखिरी वक्त तक उन्होंने गाँव वालों के बारें में सोंचा। ये सिर्फ एक सैनिक या संत ही कर सकता है।

आपको बता दें कि पिछले साल 25 जनवरी को लेफ्टिनेंट कर्नल ऋषभ शर्मा हेलीकॉप्टर हादसे में वीरगति को प्राप्त हुए थे, हेलिकॉप्टर ने पठानकोट से उड़ान भरी थी, तकनीकी खराबी के चलते हेलीकॉप्टर बिजली के तार से टकरा गया, चॉपर में मौजूद पायलट लेफ्टिनेंट कर्नल ऋषभ शर्मा के पास इतना समय था कि वह चॉपर को लैंड कराकर अपनी जान बचाने के बारे में सोच सकते थे लेकिन उन्होंने सोचा कि यहाँ चॉपर लैंड कराने पर नीचे आबादी की जान को खतरा हो सकता है इसलिए उन्होंने कहीं और चॉपर लैंड कराने का प्रयास किया और इस कोशिश में गंभीर रूप से घायल हो गए।

शहीद ऋषभ शर्मा के जीजा अभिषेक बत्रा ने बताया कि दुःख की इस घडी में उनके परिवार को भारतीय सेना का पूर्ण सहयोग मिला। भारतीय सेना ने उनके परिवार का पूरा ध्यान रखा और हर तरह की मदद की। उनका परिवार इस दुःख को भुला तो नहीं सकता लेकिन भाई की शहादत पर पूरे परिवार को गर्व है।

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