हड़ताली कर्मचारियों के समर्थन में उतरेगी हरियाणा स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड वर्कर यूनियन: सुनील खटाना
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Faridabad News, 04 Oct 2021: हरियाणा स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड वर्कर यूनियन की एक आवश्यक मीटिंग हरियाणा विद्युत प्रसारण निगम फरीदाबाद कार्यालय सेक्टर-19 पर संपन्न हुई। जिसकी अध्यक्षता प्रान्तीय महासचिव सुनील खटाना ने की। इस अवसर पर मुख्य बिंदु पावर ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन ऑफ उत्तराखंड लिमिटेड की 06.10.2021 से कर्मचारियों व अधिकारियों की ओर से होने वाली अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चर्चा की गई। इस अवसर पर महासचिव श्री सुनील खटाना ने कहा की उत्तराखंड सरकार ने हरियाणा सरकार से कर्मचारी और अधिकारियों की अपने (उत्तराखण्ड) सब स्टेशनों के प्रचालन हेतु उत्तराखंड में तैनाती की मांग की है। जिस पर एचवीपीएनएल की तरफ से पत्र क्रमांक-SPL-1/EG/631 दिनांक-03.10.2021 को जारी करके प्रदेश के कर्मचारी सहित अधिकारियों की ड्यूटी उत्तराखंड में लगाई जाने की माँग की गई है। ताकि उत्तराखंड के कर्मचारियों द्वारा की जा रही राज्यव्यापी हड़ताल को विफल किया जा सके। इस सन्दर्भ में हरियाणा स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड वर्कर्स यूनियन के तमाम कर्मचारियों में भारी रोष व्यापित है। इस बाबत यूनियन के प्रदेश महासचिव ने कहा कि हमने उत्तराखंड के कर्मचारियों के समर्थन में अतिरिक्त पॉवर सचिव हरियाणा के श्री पीके दास व प्रबंधन निर्देशक एचवीपीएनएल को पत्र के माध्यम से अवगत कराया है। कि अगर प्रदेश सरकार ने किसी भी कर्मचारी की ड्यूटी उत्तराखंड में लगाई तो संगठन उसका पुरजोर विरोध करेगा। इस कड़ी में आज पूरे हरियाणा प्रदेश के एचवीपीएनएल के सभी डिवीज़न जोनों पर व सभी सर्कल कार्यालयों पर एक एक घंटे का विरोध प्रदर्शन किया गया और जबकि आगामी 06.10.2021 को होने वाली उत्तराखंड के बिजली कर्मचारियों की राज्यव्यापी अनिश्चितकालीन हड़ताल के समर्थन में प्रदेश के तमाम बिजली कर्मचारी अपने अपने सभी सर्कल कार्यालयों पर आगामी 06.10.2021 को दो दो घंटे का अपना विरोध प्रदर्शन करते हुए उत्तराखंड के बिजली कर्मचारियों के समर्थन में अपना विरोध दर्ज करायेंगे। यदि फिर भी हरियाणा सरकार अपने कर्मचारियों की तैनाती के ऐसे आदेश अगर वापस नहीं लेती है। तो तत्काल प्रभाव से केन्द्रीय कमेटी की वार्ता समिति की आवश्यक मीटिंग बुलाकर कोई बड़ा निर्णायक फैसला लिया जा सकता है। इस दौरान अगर प्रदेश में किसी भी प्रकार की शांति व्यवस्था या इस विरोध के चलते क्षेत्र में बिजली आपूर्ति बाधित होती है। तो उसकी नैतिक जिम्मेदारी प्रदेश की हरियाणा सरकार व निगम प्रबंधन हरियाणा की होगी।