सूरजकुंड, 27 मार्च। हरियाणा सरकार की विकासोन्मुखी नीतियों तथा खेल, उद्योग, कृषि, कला एवं संस्कृति के क्षेत्र में नागरिकों व संस्थाओं के उल्लेखनीय प्रदर्शन से वैश्विक स्तर पर प्रदेश को अवसरों की भूमि (लैंड ऑफ अपाच्र्यूनिटी) की पहचान मिल चुकी है। लैटिन अमेरिकी व कैरेबियाई देशों का प्रतिनिधिनमंडल भी रविवार को हरियाणा की विकासगाथा से बेहद प्रभावित नजर आया। हरियाणा की नीति, नेतृत्व व कार्यक्रम क्रियांवयन को लेकर विदेशी प्रतिनिधिमंडल ने खुलकर की प्रशंसा और आपसी सहयोग से विभिन्न क्षेत्रों में आगे बढऩे का भरोसा भी दिया।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने रविवार को सूरजकुंड में चल रहें 35वें अंतराष्ट्रीय सूरजकुंड हस्त शिल्प मेला हरियाणा सरकार के विदेश सहयोग विभाग के समन्वय से आयोजित हरियाणा-एलएसी(लैटिन अमेरिकी एंड कैरिबयाई क्षेत्र) सम्मेलन को संबोधित किया। केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री श्रीमती मीनाक्षी लेखी ने भी कार्यक्रम में भागीदारी करते हुए हरियाणा सरकार की इस पहल की सराहना की।
श्री मनोहर लाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लैटिन अमेरिकी देशों के साथ टेलिमेडिसन, ई-गवर्नेंस सहित विभिन्न क्षेत्रों में आपसी सहयोग की बात कही है। हरियाणा सरकार ने भी इस दिशा में आगे बढ़ते हुए गवर्नमेंट टू गवर्नमेंट (जीटूजी) व बिजनेस टू बिजनेस (बीटूबी) से आगे बढ़ते एच टू एच यानि हार्ट टू हार्ट नीति के तहत अपने सहयोगियों के साथ दिल से संबंध रखने की पहल की है। लैटिन अमेरिकी व कैरेबियाई देशों के साथ आॢथक व गैर आॢथक रोडमैप पर काम करते हुए अल्ट्रा मॉडर्न शहरी विकास, खेल, रिसर्च एंड डेवल्पमेंट, शिक्षा, कौशल व ऊर्जा आदि क्षेत्रों में आपसी समन्वय से काम करना होगा।
मुख्यमंत्री ने हरियाणा को अवसरों की भूमि बताते हुए कहा कि नीति आयोग की रिपोर्ट के अनुसार हम देश के अग्रणी राज्यों में शामिल है। प्रशासन के काम में पारदॢशता लाने के लिए ई-आफिस, सीएम विंडो, परिवार पहचान पत्र, व्यावसायियों के लिए सिंगल रूफ सिस्टम, सीएसआर ट्रस्ट, कौशल विकास, समर्पण व अंत्योदय आदि कार्यक्रमों से प्रशासन के काम में गतिशीलता आई है। उन्होंने बताया कि इस बार सूरजकुंड मेला में पार्टनर कंट्री उज्बेकिस्तान सहित 30 से अधिक देशों की भागीदारी की है। इस दौरान डाक्यूमेंट्री व पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन से सूरजकुंड मेला व हरियाणा की प्रगति के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है।
केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री श्रीमती मीनाक्षी लेखी ने सम्मेलन में पहुंचे विदेशी प्रतिनिधिमंडल का स्वागत करते हुए बताया कि सूरजकुंड शिल्प मेला उनके पसंदीदा स्थलों में से एक है। एलएसी सम्मेलन के लिए हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल बधाई के पात्र है। उन्होंने उम्मीद जाहिर करते हुए कहा कि इस सम्मेलन के माध्यम से सभी देशों के भारत के साथ विभिन्न क्षेत्रों में व्यापारिक संबंध मजबूत होंगे साथ ही विभिन्न क्षेत्रों में नए अवसर पैदा होंगे। उन्होंने सूरजकुंड के ऐतिहासक परिप्रेक्ष्य की जानकारी देते हुए कहा कि तोमर वंश के शासकों से जुड़े इस स्थल पर प्राचीन कुंड आज भी मौजूद है। ऐतिहासिक दृष्टि से हरियाणा एक समृद्घ राज्य है। हडप्पा काल की सभ्यता से जुड़ा राखीगढ़ी भी इसी प्रदेश में स्थित है। उन्होंने कहा कि हरियाणा की भौगोलिक स्थिति भी निवेश के लिहाज से बेहद अनुकुल है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के समीप होने के अतिरिक्त राज्य में सडक़-रेल के मजबूत तंत्र व एग्रोनोमी, इंडस्ट्री, आटोमोबाइल, टूरिज्म आदि क्षेत्रों में यहां भरपूर संभावनाएं है।
हरियाणा की खूबियों और सत्कार से प्रभावित हुए प्रतिनिधि
मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कार्यक्रम के उपरांत केंद्रीय मंत्री श्रीमती मीनाक्षी लेखी व विभिन्न देशों के प्रतिनिधियों को पांचजन्य शंख की प्रतिकृति, श्रीमदभागवद गीता व शॉल भेंट कर सम्मानित किया। हरियाणा की विकासगाथा, सम्मेलन में मिले सम्मान व आतिथ्य सत्कार से प्रतिनिधिमंडल में शामिल सदस्य बेहद प्रभावित नजर आए। प्रतिनिधिमंडल में ग्वाटेमाला से जिओवान्नी आर कास्टिलो पोलांको, चिली से जुआन एंगुलो मोंसालेव, पेरू से कार्लोस राफेल पोलो, कोस्टा रिका से कलाउडियो अंसोरेना मोंटेरो, पनामा से यासिल एलिंस बूरीलो रिवेरा, डोमिनिकन रिपब्लिक से डेविड ई पेग बुशेल, जमैका से जैसन हॉल, कोलंबिया से मारियाना पेशेको मोंटेस, क्यूबा से एलेजेंदरो सिमानकस मरीन, त्रिनिदाद एवं टोबैगो से काउंसलर स्टेसी हिंडस, गयाना से प्रथम सचिव डा. डायना खान के साथ अल साल्वाडोर की प्रतिनिधि भी शामिल थी।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव डी.एस. ढेसी, प्रधान सचिव वी उमा शंकर, पर्यटन विभाग हरियाणा के प्रधान सचिव एमडी सिन्हा, विदेश समन्वय विभाग के प्रधान सचिव योगेंद्र चौधरी, महानिदेशक अनंत प्रकाश पांडेय,मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार अमित आर्य, सलाहकार पवन चौधरी सहित अन्य अधिकारी भी शामिल रहे।