Faridabad News, 23 Dec 2018 : शहर में कभी भी किसी भी समय बड़ा हादसा हो सकता है और सैकड़ों लोगों की जान जा सकती है क्यू हुडा विभाग के अधिकारियों ने फरीदाबाद में एक बड़ा घोटाला किया है और सेक्टर 56 में आशियाना स्कीम के तहत बने लगभग दो हजार फ्लैटों के निर्माण में शायद सीमेंट का प्रयोग ही नहीं किया गया था। ये कहना है बार एसोशिएशन के पूर्व प्रधान एवं न्यायिक सुधार संघर्ष समिति के अध्यक्ष एडवोकेट एल एन पराशर का जिन्होंने रविवार को सेक्टर 56 का दौरा किया।
वकील पाराशर का कहना है कि यहाँ बने लगभग तीन हजार फ्लैटों में से 15 00 के आस पास फ़्लैट गरीबों को आवंटित किये गए हैं जहां लगभग पांच हजार के आस पास रह रहे हैं। वकील पाराशर ने बताया कि ये फ़्लैट कभी भी गिर सकते हैं और इन पांच हजार लोगों की जान कभी भी जा सकती है। वकील पाराशर ने सभी फ्लैटों का निरीक्षण किया और देखा की सभी फ्लैटों के छत कभी भी गिर सकते हैं। ये फ़्लैट गिरने भी लगे हैं और स्थानीय निवासियों ने बताया कि कई बार फ्लैट्स की दीवारें गिरने से कई लोग घायल हो चुके हैं। वकील पाराशर ने बताया कि अगर दो की तीव्रता का भूकंप कभी फरीदाबाद में आ गया तो इन फ्लैटों में रहने वाले लगभग पांच हजार लोग अपनी जान से हाँथ धो सकते हैं। वकील पाराशर ने कई जगहों पर हाँथ लगाकर देखा जहां हाँथ लगाने से ही दीवारें गिरने लगी जिसे देख उन्होंने कहा कि इन फ्लैटों में बहुत ही घटिया मैटेरियल लगाया गया है जिस कारण सभी फ्लैटों में दरारे आ गईं हैं और उनकी छतें गिरने लगीं हैं। कई हजार गरीब जान हथेली पर रखकर यहाँ रह रहे हैं। यहाँ जो पार्क बनाया गया है उसका भी हाल बेहाल है। मौके पर रह रहे गरीबों ने बताया कि हल्की सी हवा चलती है तो वो घर खाली कर बाहर निकल जाते हैं। गरीबों ने वकील पाराशर को बताया कि उन्हें हमेशा डर लगा रहता है कि कभी भी इन फ्लैटों की छत उन पर गिरकर उनकी जान ले सकती है। गरीबों ने पाराशर को बताया कि वो अपने घरों में चैन की नींद कभी नहीं सो सके लेकिन मजबूरी में यहां रह रहे हैं।
वकील पाराशर ने बताया कि ये फ़्लैट अरबों रूपये की लागत से लगभग 10 साल पहले बने थे और उस समय इसे बनाने वाले अधिकारी, इंजीनियर सबने करोड़ों का घोटाला किया और घटिया मैटेरियल से इन फ्लैटों को तैयार करवाया। वकील पराशर ने कहा कि ये फ़्लैट जिन गरीबों को आवंटित किये गए हैं उनसे बीस साल तक लगभग तीन हजार प्रति माह लिए जा रहे हैं और बदले में उन्हें खंडहर दे दिया गया है जो बीस साल तो क्या दो साल भी अब शायद टिक सके क्यू कि सभी फ्लैटों में दरारें पड़ चुकी हैं और लगभग हर फ़्लैट गिरने लगा है। वकील पाराशर ने कहा कि यहाँ बहुत बड़ा घोटाला किया गया है। उन्होंने बताया कि इस घोटाले को लेकर वो पीएम और सीएम को पत्र लिखेंगे और यदि दो हफ्ते के भीतर इस फ़्लैट का निर्माण करने वालों पर कार्यवाही नहीं की गई तो वो अधिकारियों को कोर्ट में घसीटेंगे।