Faridabad News, 02 Feb 2020 : 34वें सूरजकुंड मेले के दूसरे दिन आज रविवार को दर्शकों की भारी भीड़ दर्ज की गई। मेले में देश-विदेश से आए विभिन्न कलाकर अपनी विशिष्ठ कला का प्रदर्शन कर रहे है। उन्हीं में से मुख्य चौपाल के समक्ष लगी स्टॉल पर हरियाणा के जींद के गांव अलेवा से आए गोपाल राम वर्षो से इस मेले में अपने हाथ से बने हुक्कों के लिए जाने जाते हैं। मेले का यह स्टॉल देशी व विदेशी प्रर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है।
गोपालराम ने बताया कि हुक्का हरियाणा की शान व भाईचारे का प्रतीक माना जाता है। प्राचीन समय से बैठकों में हुक्के पर बैठकर बड़े बुजुर्ग लोग स्थानीय स्तर पर ही बड़ी से बड़ी समस्या का हल निकाल दिया करते थे। उन्होंने बताया कि लगभग 45 साल पहले उनके दादा दाताराम ने हुक्के का यह व्यवसाय शुरू किया था। उनके बाद उनके पिता लहरी राम व अब वे स्वयं व उनका पुत्र दीपक अपने पूर्वजों के इस कारोबार को आगे बढाते हुए हरियाणा की संस्कृति सहेजने का प्रयास कर रहें हैं।
उन्होंने बताया कि उनके स्टॉल पर चार प्रकार के हुक्के उपलब्ध हैं। मिट्टी, लकड़ी, पीतल व कांच का हुक्का खरीददारों के लिए उनके पास उपलब्ध है। जिनकी कीमत 150 रूपये से शुरू होकर सात हजार रूपये तक हैं।