Faridabad News, 20 May 2020 : नगर निगम फरीदाबाद के सैकड़ों कर्मचारी कल 22 मई को सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा द्वारा केंद्र एवं राज्य सरकार कर्मचारी एवं जन विरोधी नीतियों के खिलाफ किए जाने वाले प्रदर्शनों में बढ़-चढक़र भाग लेंगे वहीं, 22 मई से 25 मई तक काले बिल्ले लगाकर विरोध प्रदर्शन करने, 26 मई से निगम मुख्यालय पर उचित मानव दूरी बनाते हुए गेट मीटिंग एवं विरोध प्रदर्शन करने, 2 जून से 4 जून तक क्रमिक भूख हड़ताल करने, तथा 8 जून को महापौर के आवास पर तथा 9 जून को निगमायुक्त के आवास पर हाथों में झाड़ू लेकर जोरदार प्रदर्शनकरते हुए घेराव करेंगे। यदि इसके बाद भी निगम प्रशासन ने कर्मचारियों की मांगों का समाधान नहीं किया तो कर्मचारी मजबूर होकर11, 12 व 13 मई तक तीन दिवसीय टूल डाउन हड़ताल पर चले जाएंगे। यदि 14 जून तक निगमायुक्त ने कर्मचारियों की मांगों एवं समस्याओं का समाधान नहीं किया तो मजबूर होकर ये कर्मचारी 15 जून को आम सभा कर हड़ताल जैसा कठोर कदम भी उठाने का निर्णय कर सकते हैं।
प्रेस को बयान जारी करते हुए नगरपालिका कर्मचारी संघ, हरियाणा के राज्य प्रधान नरेश कुमार शास्त्री, उप महासचिव सुनील कुमार चिंडालिया, केंद्र कमेटी के नेता व सीवरमैन यूनियन के प्रधान सुभाष फेटमार, जिला सचिव नानक चंद खेरालिया, सफाई कर्मचारी यूनियन के प्रधान बलवीर सिंह बालगोहर ,सचिव सोनपाल झँजोठिया, सैनिटेशन स्टाफ यूनियन के प्रधान राजेंद्र सिंह दहिया कैशियर अनिल चिंडालिया, ड्राइवर यूनियन के प्रधान राम किशोर त्यागी, परशुराम अधाना, वेद भडाना, वाटर सप्लाई यूनियन के नेता जयराज नागर, बेलदार यूनियन के नेता वीरेंद्र व रोहताश ने प्रेस को बयान जारी करते हुए कहा कि निगमायुक्त को नगरपालिका कर्मचारी संघ हरियाणा की ओर से कई बार मुलाकात कर एवं पत्र लिखकर सरकार द्वारा स्वीकृत मांगों को लागू करने एवं फ्रंटलाइन मैं काम करने वाले कोरोना योद्धाओं को मास्क, सैनिटाइजर, व अन्य सुरक्षा उपकरण देने, सफाई के औजार उपलब्ध कराने,सफाई कर्मचारियों एवं फायर कर्मचारियों को विभाग के रोल पर करने, सीवर सफाई व अन्य तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के रिक्त पदों को भरने योग्य एवं वरिष्ठतम कर्मचारियों की पदोन्नति करने, आउटसोर्सिंग में लगे कर्मचारियों को योग्यता एवं अनुभव के आधार पर डीसी रेट देने देने सहित अन्य न्यायोचित मांगों का समाधान करने की अपील कर चुके हैं लेकिन निगमायुक्त टाल -मटोल की नीति अपनाते हुए कर्मचारियों की मांगों का समाधान नहीं करना चाहते।