सांस लेना चाहते हैं तो पर्यावरण को बचाएं : विपुल गोयल

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फरीदाबाद, 8 मई 2022 : पर्यावरण को बचाने और चिलचिलाती गर्मी में पक्षियों के लिए दाना पानी उपलब्ध करवाने की मुहिम शुरू करते हुए पूर्व कैबिनेट मंत्री विपुल गोयल ने आज पंछी प्रोजैक्ट केे तहत पक्षियों के लिए दाना पानी उपलब्ध करवाने के लिए मिट्टी के पॉट व दाने के पैकेट वितरित किए। इस मौके पर कई एनजीओ और धार्मिक सामाजिक संगठनों के लोगों के अलावा महिला संगठनों की प्रतिनिधियों व आम लोगों ने हिस्सा लिया और पूर्व कैबिनेट मंत्री विपुल गोयल की इस मुहिम की जमकर तारीफ की और संकल्प लिया कि पर्यावरण को बचाने और पक्षियों के लिए दाना पानी उपलब्ध करवाने को लेकर वह अपना पूरा सहयोग देंगे। इस मौके पर डा. आरएन सिंह, पीके मित्तल एडवोकेट, एनके गर्ग एडवोकेट, जेपी गुप्ता, आरएस गांधी, प्रवीन चौधरी, नरेश नंबरदार, मुकेश शास्त्री, राजकुमार राज, आर के चिलाना सहित महिला संगठनों से आईएमए की प्रदेशाध्यक्ष डा. पुनीता हसीजा, प्रतिमा गर्ग, काम्या बत्रा, स्माइली, आशु मेहरा, शिरीन सिंह, संगीता आहुजा, रमा सरना, पूजा गुप्ता, गीतांजलि सहगल, सीमा भारद्वाज सहित अनेक महिलाएं व संस्थाओं के गणमान्य प्रतिनिधि मौजूद रहे।

इस मौके पर पूर्व कैबिनेट मंत्री विपुल गोयल ने कहा कि यदि हम सांस लेना चाहते हैं तो अभी से हमें पर्यावरण को बचाने के प्रयास करने होंगे। जिस तरह हम मार्च की अंतिम तिथि को अपने खातों की बैलेंस शीट बनाकर अगले साल के लाभार्जन के लिए योजना बनाते हैं, उसी तरह हमें पर्यावरण को लेकर भी यह मंथन करना चाहिए कि हमने पर्यावरण संरक्षण के लिए क्या किया और आने वाले समय में हम क्या और अधिक पर्यावरण के लिए कर सकते हैं। विपुल गोयल ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि वे अपनी कमाई का कुछ हिस्सा पशु-पक्षियों, पर्यावरण संरक्षण व समाज के लिए अवश्य रखें क्योंकि यह प्रयास केवल हमारे लिए पर्यावरण को बेहतर नहीं बनाएगा बल्कि हमारी आने वाली पीढ़ी को भी सांस लेने लायक वातावरण उपलब्ध करवाएगा। उन्होंने कहा कि बेजुबान पक्षियों के लिए पानी व भोजन की व्यवस्था करना कितना बड़ा पुण्य है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि हमारे वेदों व पुराणों में भी इसके महत्व का उल्लेख है तथा सनातन धर्म हमें यही शिक्षा देता है। इस मौके पर उन्होंने सैंकड़ों की संख्या में पक्षियों के लिए दाने के बैग व मिट्टी से बने पानी के पॉट लोगों को वितरित किए तथा उनसे अपील करते हुए कहा कि हर व्यक्ति अपने घर की छत से इसकी शुरुआत करे। यदि यह प्रयास जारी रहेगा तो पक्षियों की चहचहाहट के लिए हमें कहीं और नहीं जाना पड़ेगा। उन्होंने इस मुहिम से जुडऩे के लिए सभी सामाजिक, धार्मिक व महिला संगठनों के अलावा आरडब्ल्यूएज व अन्य लोगों का आभार व्यक्त किया।

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