स्वास्थ्य सुधार की दिशा में जैव चिकित्सी नवाचारों का अहम योगदान  : डॉ. जितेंद्र सिंह

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फरीदाबाद, 22 फरवरी। केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह आज ने ट्रांसलेशनल हेल्थ साइंस एंड टेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट (THSTI) का दौरा किया और इसके परिसर में एक ‘मेडिकल रिसर्च सेंटर’ और ‘ट्रांसलेशनल रिसर्च लेबोरेटरीज’ की आधारशिला रखी। इस अवसर को उत्सव 2023 (टीएचएसटीआई की वैज्ञानिक उपलब्धियों और दृष्टि का अनावरण) के रूप में मनाया गया। मेडिकल रिसर्च सेंटर (MRC) 50 बिस्तरों वाला अस्पताल होगा जो भविष्य में अवलोकन समूह अध्ययन स्टडीज और चरण I और चरण II नैदानिक परीक्षणों के संचालन के लिए बेहद उपयोगी होगा। ट्रांसलेशनल रिसर्च लेबोरेटरी, डीबीटी का इंड-सीईपीआई मिशन, वैक्सीन के विकास के लिए उपयोगी होगा और छोटे और मध्यम आकार के उद्यमों (एसएमई) को उनके आरएंडडी के लिए जगह प्रदान करेगा। इन सुविधाओं को शामिल करने के साथ ही , टीएचएसटीआई के रिसर्च एंड डेवलपमेंट में अग्रणी बन जायेगा।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने अपने संबोधन में एचएसटीआई को अपनी हार्दिक शुभकामनाएं दीं। उन्होंने टीएचएसटीआई की वैज्ञानिक उपलब्धियों की सराहना की और भारत और दुनिया में लोगों के स्वास्थ्य में सुधार के लिए बायो मेडिकल नवाचारों की दिशा में काम करने के लिए संगठन की प्रतिबद्धता की सराहना की। डॉ. सिंह ने एनसीआर बायोटेक में मेडिकल रिसर्च सेंटर (एमआरसी) की स्थापना के लिए टीएचएसटीआई को बधाई दी। उन्होंने कहा कि टीएचएसटीआई में जिस तरह का अनुवाद कार्य किया जा रहा है, उसके लिए एमआरसी बहुत प्रासंगिक और आवश्यक है। टीएचएसटीआई के प्रयासों की सराहना करते हुए डॉ सिंह ने कहा कि लोगों को पता होना चाहिए कि टीएचएसटीआई किस तरह का काम कर रहा है। उन्होंने उद्योग और शिक्षा जगत के साथ संस्थागत सहयोग का सुझाव दिया जो बेंच-साइड अनुसंधान उत्पादों को क्लिनिक तक ले जाने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने शिक्षाविदों के साथ अपने सहयोग को और बढ़ाने का सुझाव दिया जिसमें टीएचएसटीआई का शोध कार्य पीजी और डीएम शोध प्रबंधों और परियोजनाओं का हिस्सा बन सकता है।

बायोटेक्नोलॉजी विभाग के सचिव डॉ. राजेश गोखले ने अतीत में विशेष रूप से कोविड-19 अनुसंधान, वैक्सीन और डायग्नोस्टिक्स में किए गए अनुकरणीय कार्यों के लिए टीएचएसटीआई को बधाई दी। डॉ. गोखले ने कहा कि टीएचएसटीआई जैसे संस्थान अपने काम से देश में परिवर्तनकारी बदलाव लाते हैं।

इस अवसर पर कार्यकारी निदेशक, प्रोफेसर प्रमोद गर्ग ने एक परिचयात्मक भाषण दिया जिसमें उन्होंने पिछले वर्षों में मां और बच्चे के स्वास्थ्य (एमसीएच) अनुसंधान, टीका विकास, नैदानिक समूह, क्षय रोग, इन्फ्लुएंजा डायग्नोस्टिक्स, ह्यूमन माइक्रोबायोम, नॉन-एल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज आदि जैसे विभिन्न क्षेत्रों में टीएचएसटीआई की प्रमुख उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। एमसीएच द्वारा एआई से संचालित अल्ट्रा-सोनोग्राफी उपकरण विकसित किया जा रहा है जिसमें दूरदराज के इलाकों में गर्भवती महिलाओं की मदद की जाएगी। प्रो. गर्ग ने बताया कि टीएचएसटीआई ने एक टीबी-विरोधी अणु, दो नए कोविड और पैन बीटा-कोरोना वायरस टीके विकसित किए हैं, और एमएससी क्लिनिकल रिसर्च, वैक्सीनोलॉजी कोर्स और बायो डिजाइन के तीन महत्वपूर्ण पाठ्यक्रम शुरू किए हैं। प्रोफेसर गर्ग ने उद्योगों और अन्य संगठनों के साथ टीएचएसटीआई के सहयोग की संक्षिप्त जानकारी भी दी।

इस अवसर उपायुक्त विक्रम सिंह, डॉ ज्योति, डॉ अनिल पांडेय, प्रो शिंजिनी भटनागर, डॉ जयंता भटनागर, डॉ अमु अवस्थी सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।

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