Faridabad News, 30 Oct 2020 : औद्योगिक इंजीनियरिंग में शामिल विश्लेषणात्मक तकनीकों से संकाय सदस्यों तथा विद्यार्थियों को परिचित करवाने के उद्देश्य से जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग द्वारा औद्योगिक इंजीनियरिंग में विश्लेषणात्मक तकनीकों पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। टीईक्यूआईपी-3 के अंतर्गत प्रायोजित इस कार्यशाला में लगभग 147 प्रतिभागियों ने भाग लिया।
कार्यशाला का उद्घाटन कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने किया और वर्तमान समय में औद्योगिक इंजीनियरिंग की प्रासंगिकता और महत्व पर प्रतिभागियों को संबोधित किया। सत्र की अध्यक्षता विभाग के अध्यक्ष डॉ. राज कुमार द्वारा की गई। सत्र का समन्वयन डॉ. भूपेंद्र यादव और डॉ. महेश चंद द्वारा किया गया।
सत्र को संबोधित करते हुए प्रो. दिनेश कुमार ने कहा कि किसी भी विनिर्माण प्रणाली में समय, धन, सामग्री, ऊर्जा और अन्य संसाधनों की बचत में में औद्योगिक इंजीनियर महत्वपूर्ण निभाते है। इसलिए, लागत और समय की बचन के दृष्टिगत औद्योगिक इंजीनियरिंग की मांग निरंतर बढ़ रही है। उन्होंने प्रतिभागियों को औद्योगिक इंजीनियरिंग में शामिल विश्लेषणात्मक तकनीकों को सीखने के लिए प्रोत्साहित किया।
इससे पहले विभागाध्यक्ष डाॅ. राज कुमार ने अतिथि और प्रतिभागियों का स्वागत किया। कार्यशाला के समन्वयक डॉ. भूपेंद्र सिंह और डॉ. महेश चंद ने बताया कि इस कार्यशाला का उद्देश्य प्रतिभागियों को औद्योगिक इंजीनियरिंग के क्षेत्र में हो रही प्रगति तथा तकनीकों से अवगत करवाना है। कार्यशाला में तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, जम्मू और कश्मीर, मध्य प्रदेश, बिहार, दिल्ली, महाराष्ट्र और पंजाब सहित विभिन्न राज्यों के प्रतिभागियों ने भाग लिया। कार्यशाला के समापन पर डॉ. ओपी मिश्रा ने कार्यशाला पर संक्षिप्त विवरण दिया तथा धन्यवाद प्रस्ताव रखा। कार्यशाला को जे.सी. बोस विश्वविद्यालय से डीन (गुणवत्ता आश्वासन) डॉ. संदीप ग्रोवर, श्री अश्बीर सिंह और डॉ। संजीव गोयल तथा एमसीकेवी इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग, पश्चिम बंगाल से ने प्रो. आशीष अग्रवाल ने भी संबोधित किया।