‘उल्लास -2024’ में छात्रों ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया

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Faridabad : मानव रचना इंटरनेशनल स्कूल, चार्मवुड विलेज में इंटर स्कूल वार्षिकोत्सव समारोह ‘उल्लास-2024’ का सफल आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में विभिन्न स्कूलों से आए प्रतिभागियों ने मनमोहक प्रस्तुतियां देकर प्रतिभा दिखाई। विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से छात्रों ने भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का जश्न मनाया। कार्यक्रम की थीम, 'प्रकृति का पोषण' और 'क्लाइमेट एक्शन' पर आधारित प्रस्तुतियां देकर छात्रों ने पर्यावरण जागरूकता के प्रति जिम्मेदारी निभाई। कार्यक्रम की शुरुआत सम्मानित अतिथियों के अभिनंदन के साथ हुई, इसके बाद स्कूल प्रिंसिपल श्रीमती दिवजोत कौर ने दीप जलाया और उल्लास-2024 के आठवें संस्करण के लिए अपना विज़न साझा किया।

उन्होंने कहा कि सांस्कृतिक गतिविधियों के साथ पर्यावरणीय संवेदनशीलता का संदेश देना ही इस सांस्कृतिक कार्यक्रम का मकसद है। कार्यक्रम में विभिन्न श्रेणियों में तकरीबन 912 प्रतिभागियों ने भाग लिया।

सांस्कृतिक कार्यक्रमों के दौरान मेज़बान स्कूल के छात्रों ने एक शानदार नृत्य प्रस्तुति दी। वहीं विभिन्न स्कूलों से आए प्रतिभागियों ने लोक और पाश्चात्य संस्कृति के नृत्य-संगीत कार्यक्रम पेश कर खूब तालियां बटोरी। इसके साथ ही छात्रों ने स्किट, नुक्कड़ नाटक, पोस्टर मेकिंग, आर्ट प्रतियोगिता सहित टॉय मेकिंग गतिविधियों में भाग लिया। गतिविधियों के जरिए पर्यावरण संरक्षण और स्थिरता को लेकर संदेश दिया।

एमआरआईएस की कार्यकारी निदेशक श्रीमती निशा भल्ला ने कहा, ‘उल्लास 2024 हमारे छात्रों की अद्वितीय प्रतिभा का परिचायक है। यह कार्यक्रम हमारी विचारधारा को मूर्त रूप देता है, जिससे युवा दिमाग अपनी रचनात्मकता को उजागर कर सकते हैं, जबकि जलवायु परिवर्तन जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों का समाधान कर सकते हैं। उल्लास केवल कौशल का नहीं, बल्कि मूल्यों का भी प्रतीक है।’

एमआरआईएस चार्मवुड की प्रिंसिपल दिवजोत कौर ने कहा, ‘उल्लास 2024 संस्कृति, कलात्मक अभिव्यक्ति और एकता का एक असाधारण उत्सव रहा है। इसका श्रेय छात्रों और कर्मचारियों के समर्पण और कड़ी मेहनत को जाता है। मुझे अत्यंत खुशी है कि छात्रों ने संवेदनशील थीम पर कार्यक्रम पेश कर जागरूकता बढ़ाने का काम किया।’
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि रहीं प्रसिद्ध भारतीय नृत्यांगना और कोरियोग्राफर श्रीमती सास्वती सेन ने सभी को संबोधित करते हुए सामाजिक और सांस्कृतिक समागम के इस कार्यक्रम को सराहा। अपने संबोधन में, श्रीमती सेन ने युवा दिमागों को पोषित करने और उन्हें सांस्कृतिक जड़ों से जोड़ने में कला के परिवर्तनकारी प्रभाव पर ज़ोर दिया। वर्ष 2004 में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित श्रीमती सेन ने अपने गुरु पंडित बिरजू महाराज के साथ कई विश्व भ्रमण, शिक्षण और कार्यक्रम प्रदर्शन किए हैं। उन्होंने कमल हासन, दीपिका पादुकोण और माधुरी दीक्षित जैसे बॉलीवुड कलाकारों को प्रशिक्षित किया है और देवदास और बाजीराव मस्तानी जैसी फिल्मों में योगदान दिया है।

कार्यक्रमों के समापन के बाद, पुरस्कार वितरण समारोह हुआ, इस दौरान श्रीमती दिवजोत कौर और कार्यकारी निदेशक श्रीमती निशा भल्ला की उपस्थिति ने सभी श्रेणियों के विजेताओं को पुरस्कृत किया। दोनों ने कार्यक्रम के अंत में सभी का आभार जताया और प्रतिभागियों और उपस्थित लोगों को सांस्कृतिक और पर्यावरणीय चेतना को बढ़ावा देने के अपने प्रयासों को जारी रखने के लिए प्रेरित किया। इस कार्यक्रम ने मानव रचना की उन विचारधाराओं को मूर्त रूप दिया, जो केवल शैक्षणिक उत्कृष्टता ही नहीं, बल्कि सामाजिक और पर्यावरणीय क्षेत्रों में भी उत्कृष्टता प्राप्त करने वाले व्यक्तियों को पोषित करने पर केंद्रित हैं।

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