फरीदाबाद, 18 अप्रैल। जिलाधीश विक्रम सिंह ने कहा कि सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों द्वारा 18 अप्रैल से 06.06.2024 तक की अवधि के लिए जिला की सीमा के भीतर किया जारी किया गया है। यह आदेश 06 जून 2024 तक प्रभावी रहेगा।
जिलाधीश ने बताया कि आगामी लोकसभा आम चुनाव-2024 के मद्देनजर भारत निर्वाचन आयोग द्वारा आदर्श आचार संहिता लागू कर दी गई है। इसी के मद्देनजर कई विध्वंसक ताकतें/कार्यकर्ता अपने भयावह मंसूबों के साथ सक्रिय होंगे। जो जिला के भीतर शांति को अस्थिर करने का प्रयास करेंगे और अनधिकृत रैलियों, धरनों के आयोजन की योजना बनाकर और अन्य आंदोलन के तरीकों का सहारा लेकर आदर्श आचार संहिता के दिशा निर्देशों/निर्देशों का उल्लंघन करने का प्रयास करेंगे। जबकि, पूरी आशंका है कि ऐसे समूह बाधा उत्पन्न करके परेशान करेंगे।
जिलाधीश विक्रम सिंह ने कहा की कानूनी रूप से सार्वजनिक शांति और अमन-चैन को न भंग करना व दंगों और झगड़े के कारणों पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है। जिससे आगामी लोकसभा चुनावों में किसी प्रकार की बाधा उत्पन्न न हो। इसके लिए भारत के चुनाव आयोग द्वारा जारी आदर्श आचार संहिता के निर्देशों/दिशानिर्देशों के उल्लंघन के लिए राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों और सभी व्यक्तियों द्वारा इन नियमों और शर्तों का पालन किया जाएगा।
कोई भी पार्टी या उम्मीदवार या व्यक्ति ऐसी किसी भी गतिविधि में शामिल नहीं होगा जो मौजूदा मतभेदों को बढ़ा सकता है या आपसी नफरत पैदा कर सकता है या विभिन्न जातियों और समुदायों, धार्मिक या भाषाई लोगों के बीच तनाव पैदा कर सकता है। अन्य राजनीतिक दलों की आलोचना, जब की जाएगी, उनकी नीतियों और कार्यक्रम, पिछले रिकॉर्ड और काम तक ही सीमित रहेगी। पार्टियों और उम्मीदवारों को निजी जीवन के उन सभी पहलुओं की आलोचना से बचना चाहिए जो अन्य पार्टियों के नेताओं व कार्यकर्ताओं की गतिविधियों से जुड़े नहीं हैं। असत्यापित आरोपों या विरूपण के आधार पर अन्य दलों या उनके कार्यकर्ताओं की आलोचना से बचना चाहिए। वोट हासिल करने के लिए जाति या सांप्रदायिक भावनाओं की अपील नहीं की जाएगी। मस्जिद, चर्च, मंदिर या अन्य पूजा स्थलों का उपयोग चुनाव प्रचार के लिए मंच के रूप में नहीं किया जाएगा। सभी दलों और उम्मीदवारों को ईमानदारी से उन सभी गतिविधियों से बचना चाहिए जो “भ्रष्ट आचरण” और चुनाव कानून के तहत अपराध हैं, जैसे मतदाताओं को रिश्वत देना, मतदाताओं को डराना, मतदाताओं का प्रतिरूपण करना, मतदान केंद्रों के 100 मीटर के भीतर प्रचार करना, सार्वजनिक बैठकें आयोजित करना शामिल हैं। मतदान समाप्ति के निर्धारित समय के साथ समाप्त होने वाली 48 घंटों की अवधि के दौरान, और मतदान केंद्रों से सभी मतदाताओं के परिवहन आदि की व्यवस्था तथा संप्रेषण के दौरान प्रत्येक व्यक्ति के शांति और निर्बाध घरेलू जीवन के अधिकार का सम्मान किया जाएगा, भले ही राजनीतिक दल या उम्मीदवार उसकी राजनीतिक राय या गतिविधियों से कितना भी नाराज क्यों न हों। किसी भी परिस्थिति में व्यक्तियों की राय या गतिविधियों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के माध्यम से उनके घरों के सामने प्रदर्शन या धरना का आयोजन नहीं किया जाएगा। कोई भी राजनीतिक दल या उम्मीदवार या व्यक्ति अपने अनुयायियों को किसी व्यक्ति की भूमि, भवन, परिसर की दीवार आदि का उपयोग उसकी अनुमति के बिना ध्वज दंड लगाने, बैनर लटकाने, नोटिस चिपकाने, नारे लिखने आदि के लिए नहीं करेगा। राजनीतिक दल और उम्मीदवार और व्यक्ति यह सुनिश्चित करेंगे, कि उनके समर्थक अन्य दलों द्वारा आयोजित बैठकों और जुलूसों में बाधा उत्पन्न न करें या उन्हें बाधित न करें। किसी एक राजनीतिक दल के कार्यकर्ता या समर्थक मौखिक रूप से या लिखित रूप से सवाल पूछकर या अपनी पार्टी के पर्चे बांटकर, एक दल द्वारा उन स्थानों पर जुलूस नहीं निकाला जाएगा। जहां पर दूसरे दल द्वारा बैठक आयोजित की जाती हैं। एक पार्टी द्वारा जारी किए गए पोस्टर को दूसरी पार्टी के कार्यकर्ता नहीं हटाएंगे। पार्टी, उम्मीदवार और अन्य व्यक्ति किसी भी प्रस्तावित बैठक के स्थान और समय के बारे में स्थानीय पुलिस अधिकारियों को समय पर सूचित करेंगे। ताकि पुलिस यातायात को नियंत्रित करने और शांति और व्यवस्था बनाए रखने के लिए आवश्यक व्यवस्था करने में सक्षम हो सके। किसी पार्टी या उम्मीदवार को पहले से यह सुनिश्चित करना होगा कि बैठक के लिए प्रस्तावित स्थान पर कोई प्रतिबंधात्मक या निषेधात्मक आदेश लागू है या नहीं, यदि ऐसे आदेश मौजूद हैं, तो उनका सख्ती से पालन किया जाएगा। यदि ऐसे आदेशों से किसी छूट की आवश्यकता हो तो उसे समय रहते प्राप्त कर लागू किया जाएगा। यदि किसी प्रस्तावित बैठक के संबंध में लाउडस्पीकर या किसी अन्य सुविधा के उपयोग के लिए अनुमति या लाइसेंस प्राप्त करना है, तो पार्टी या उम्मीदवार या ऐसे व्यक्ति समय पर संबंधित पदाधिकारी को आवेदन करेंगे और ऐसी अनुमति या लाइसेंस प्राप्त करेंगे। किसी बैठक के आयोजकों को बैठक में खलल डालने वाले या अन्यथा अव्यवस्था पैदा करने का प्रयास करने वाले व्यक्तियों से निपटने के लिए ड्यूटी पर मौजूद पुलिस की सहायता लेनी होगी।आयोजक स्वयं ऐसे व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करेंगे। जुलूस का आयोजन करने वाली पार्टी या संयोजक या व्यक्ति पहले से ही जुलूस शुरू होने का समय और स्थान, पालन किए जाने वाले मार्ग और जुलूस समाप्त होने का समय और स्थान तय कर लेंगे। कार्यक्रम से विचलन पर सामान्य होगा इसके अलावा आयोजकों को कार्यक्रम की पूर्व सूचना स्थानीय पुलिस अधिकारियों को देनी होगी ताकि वे आवश्यक व्यवस्था करने में सक्षम हो सकें। राजनीतिक दलों के सदस्यों या उनके नेताओं का प्रतिनिधित्व करने वाले पुतले ले जाना, ऐसे पुतलों को सार्वजनिक रूप से जलाना और ऐसे अन्य प्रकार के प्रदर्शनों को किसी भी राजनीतिक दल या उम्मीदवार द्वारा करना बर्दाश्त नहीं की जाएगी।