Faridabad News, 11 Nov 2019 : संकाय सदस्यों के तकनीकी कौशल को बढ़ाने के उद्देश्य से, जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद के गणित विभाग द्वारा डेटा साइंस तथा इसके अनुप्रयोगों के उभरते रुझान पर पांच दिवसीय शॉर्ट-टर्म कोर्स का आयोजन किया जा रहा है। कोर्स में विश्वविद्यालय और अन्य शैक्षणिक संस्थानों के 52 प्रतिभागी पाठ्यक्रम में भाग ले रहे हैं।
कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद् (एआईसीटीई) के सदस्य सचिव प्रो. राजीव कुमार मुख्य अतिथि रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति प्रो दिनेश कुमार ने की थी। इस अवसर पर कुलसचिव डॉ. एस. के. गर्ग, डीन (एचएएस) डॉ. राज कुमार और गणित विभाग की अध्यक्ष डॉ. नीतू गुप्ता भी उपस्थित थीं।
इस अवसर पर बोलते हुए, प्रो राजीव कुमार ने इंजीनियरिंग के उभरते विषयों पर बल देते दिया। पाठ्यक्रम डिजाइन पर एआईसीटीई की भावी योजना का उल्लेख करते हुए, उन्होंने कहा कि इंजीनियरिंग के अंतःविषय दृष्टिकोण के युग में तकनीकी संस्थानों को उभरते अंतःविषयक क्षेत्र के अधिक विषय शुरू करने की आवश्यकता है। अपनी योजना में एआईसीटीई ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, रोबोटिक्स ब्लॉक चेन, रोबोटिक्स, क्वांटम कम्प्यूटिंग, डेटा साइंसेज, साइबर सिक्योरिटी, 3 डी प्रिंटिंग और डिजाइन और वर्चुअल रियलिटी सहित नौ उभरते विषयों को परिभाषित किया है। उन्होंने कहा कि तकनीकी संस्थानों को इन उभरते क्षेत्रों से स्नातक कार्यक्रमों को शुरू करने के लिए कहा गया है। उन्होंने बताया कि योजना के तहत एआईसीटीई 200 से अधिक कार्यक्रम आयोजित करवा चुका है और आगामी अकादमिक गतिविधि कैलेंडर के तहत अप्रैल 2020 और मार्च 2021 के बीच इस तरह के कार्यक्रमों का आयोजन करने की योजना बनाई गई है। उन्होंने विश्वविद्यालय को कार्यक्रम के लिए प्रस्ताव भेजने का भी सुझाव दिया।
प्रो. राजीव कुमार ने कहा कि प्रौद्योगिकी में तेजी से बदलव आ रहे है और विद्यार्थियों का रूझान इंटरनेट व आनलाइन पाठ्यक्रमों की तरफ बढ़ा है। ऐसे में यह शिक्षकों की जिम्मेदारी है कि वे विद्यार्थियों को उभरते क्षेत्रों के ऐसे विषय पढ़ाएं जो इंटरनेट पर उपलब्ध नहीं हैं। उन्होंने संकाय सदस्यों को फंडिंग के लिए उनके अनुसंधान प्रस्ताव एआईसीटीई भेजने का भी सुझाव दिया तथा उन्हें विभिन्न योजनाओं का अधिकतम लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित किया।
डाटा साइंस के महत्व पर प्रकाश डालते हुए, कुलपति प्रो दिनेश कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि डेटा का महत्व और आकार दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। इसलिए, डेटा के बढ़ते साइज के प्रंबंधन के लिए डेटा वैज्ञानिकों की भूमिका महत्वपूर्ण हो गई हैं। उन्होंने गोपनीयता और डेटा सुरक्षा से संबंधित मुद्दों पर अपनी चिंता व्यक्त की। उन्होंने गणित विभाग से अन्य इंजीनियरिंग विषयों की आवश्यकता के अनुसार पाठ्यक्रम डिजाइन करने के लिए भी कहा ताकि इंजीनियरिंग के विद्यार्थी को अधिक से अधिक लाभ हो।
इससे पहले, चेयरपर्सन डॉ. नीतू गुप्ता ने मुख्य अतिथि, विशेषज्ञों और प्रतिभागियों का स्वागत किया। उन्होंने कार्यक्रम की संक्षिप्त रूपरेखा प्रस्तुत की और विभाग द्वारा की गई उपलब्धियों और शोध कार्यों के बारे में बताया। डीन (एचएएस), प्रो. राजकुमार ने रोजगार के मौजूदा परिदृश्य में डेटा विज्ञान की प्रासंगिकता के बारे में बताया।
तकनीकी सत्र में, ग्लोबल लॉजिक के वरिष्ठ डेटा वैज्ञानिक डॉ. परमजीत सिंह ने ‘आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एंड मशीन लीडिंग डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन’ विषय पर विस्तार से बताया। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के प्रो. कर्माशू ने ‘गणितीय मॉडलिंग ट्रांसफार्मेशन फ्रेमवर्क’ और ‘मोंटे-कार्लो पद्धति की कम्प्यूटेशनल संभावना‘ विषय पर चर्चा की।