Faridabad News, 13 Oct 2020 : उपायुक्त यशपाल ने कहा कि जिला में मौजूदा समय में लिंगानुपात एक हजार लडक़ों के पीछे 915 लड़कियों का है। हमें इसे और अधिक बेहतरीन बनाना है और लोगों को जागरूक करना है। उन्होंने मीटिंग में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा चयनित किए गए 17 सबसे कम लिंगानुपात वाले गांवों व शहरी क्षेत्रों पर विशेष रूप से फोकस करने के निर्देश भी दिए। उपायुक्त यशपाल मंगलवार को लघु सचिवालय के छठे तल स्थित कॉन्फ्रेंस हॉल में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान की समीक्षा कर रहे थे।
उपायुक्त ने कहा कि जिन 17 स्थानों को सबसे कम लिंगानुपात के लिए चिह्नित किया गया है शुरूआत में उनमें से 50 प्रतिशत के लिए विशेष कार्ययोजना तैयार करें। प्रत्येक स्थान को महिला एवं बाल विकास विभाग की एक-एक अधिकारी गोद ले और आंगनवाड़ी वर्करों के साथ तालमेल कर यहां जागरूकता अभियान चलाएं। इसके बाद यहां के परिणाम देखें और उसी आधार पर आगे बढ़ें। उन्होंने कहा कि इस कार्य के लिए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ भी तालमेल रखकर कार्य करें। मीटिंग में उपायुक्त ने निर्देश दिए कि बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान का जिला एक्शन प्लान भी नए सिरे से तैयार करें। जागरूकता गतिविधियों का एक चार्ट तैयार कर उन्हें प्रस्तुत करें। मीटिंग में उपायुक्त ने वन स्टाप सेंटर की समीक्षा करते हुए कहा कि अभी यह अस्थाई भवन में चल रहा है और 26 अक्टूबर को बीके अस्पताल के पीछे बनाए गए स्थाई भवन में इसे शिफ्ट कर दिया जाएगा। उन्होंने निर्देश दिए कि वन स्टाप सेंटर में आने वाली प्रत्येक महिला को कानूनी सहायता सहित प्रत्येक सुविधा दी जाए। उन्होंने वन स्टाप सेंटर में काउंसलर सहित कई जरूरी सुविधाओं की क्रमश: जानकारी ली।
उपायुक्त यशपाल ने मीटिंग में सभी कार्यालयों में यौन उत्पीड़न समिति (पोक्सो) के गठन को लेकर निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रत्येक कार्यालय में यह कमेटी अवश्य हो और कार्यालय की प्रत्येक महिला को उनके अधिकारों के बारे में समय-समय पर अवश्य जागरूक किया जाए। उन्होंने कहा कि इस संबंध में जल्द ही औद्योगिक एसोसिएशनों की मीटिंग भी आयोजित की जाएगी ताकि वहां भी इस तरह की कमेटियों के गठन को लेकर चर्चा की जा सके।
मीटिंग में अतिरिक्त उपायुक्त सतबीर मान ने पोषण अभियान को लेकर की गई गतिविधियों की समीक्षा भी की। इस दौरान महिला एवं बाल विकास विभाग की अधिकारियों ने बताया कि ऐसे बच्चों का चयन किया गया है जिन्हें पोषण की सख्त आवश्यकता है। इन बच्चों को प्रतिदिन आंगनवाडी वर्करों के माध्यम से पोषक भोजन मुहैया करवाया जा रहा है। इसमें कुछ बच्चों को 60 दिन के लिए पीनेट बटर का पैकेट भी उपलब्ध करवाया जा रहा है। इस दौरान अतिरिक्त उपायुक्त ने कहा कि 15 अक्टूबर को विश्व हैंडवॉश डे है। इस दिन आंगनवाड़ी वर्कर घर-घर जाकर जागरूकता अभियान चलाएं। बच्चों व महिलाओं को बताएं कि बीमारियों से बचने के लिए अच्छे ढंग से हाथ धोना कितना जरूरी है। मीटिंग में एसडीएम जितेंद्र कुमार, सीएमजीजीए रूपाला सक्सेना, महिला एवं बाल विकास विभाग की कार्यक्रम अधिकारी अनिता शर्मा सहित सभी ब्लॉकों की सीडीपीओ भी मौजूद थी।