Faridabad News, 12 June 2020 : पिछले कुछ दिनों में कई ऐसी घटनाएं सामने आई हैं इसी क्रम में पुलिसिया उत्पीड़न का जीवंत उदाहरण थाना छांयसा का तत्कालीक घटना है जिसमें पुलिस एवं जनता के बीच में झड़प की रिपोर्टिंग करने गए पत्रकार के विरुद्ध पुलिस कर्मियों द्वारा न सिर्फ अभद्र भाषा का प्रयोग किया गया बल्कि उन्हें अपमानित करते हुए पुलिस लॉकअप में बंद करने की धमकी तक दी गई। जिसकी शिकायत पत्रकार ने पुलिस आयुक्त महोदय के जनसंपर्क अधिकारी को सूचना दी। जिसके बाद भी कोई कार्यवाही नहीं की गई। ऐसे तमाम पत्रकारों से समाजसेवियों एवं आरटीआई कार्यकर्ताओं के विरुद्ध विभिन्न थानों में झूठे वह मनगढ़ंत आरोप लगाकर फर्जी मुकदमे दर्ज करके उन्हें शारीरिक,मानसिक व आर्थिक एवं सामाजिक रूप से प्रताड़ित करके उन्हें सच्चाई की राह पर चलने से रोकने का प्रयास किया जा रहा है।
लोकतंत्र की रक्षा करने वाले गरीबों, बेसहारा लोगों एवं एवं शासन एवं प्रशासन से प्रताड़ित लोगों की आवाज उठाने वाले बुद्धिजीवी लोग जो सरकार एवं पुलिस प्रशासन की खामियों को उजागर करते रहते हैं। आज उस वर्ग के बुद्धिजीवी लोगों को शासन प्रशासन की तरफ से प्रताड़ित करने की कोशिश की जा रही है। वह काफी निंदनीय है। पत्रकार आज इस महामारी में भी जनता की आवाज उठाने से पीछे नहीं हट रहे। इस समय में कई ऐसे पत्रकार हैं जिनके साथ प्रशासन द्वारा अमानवीय व्यवहार करने की घटना सामने आ रही है। जिसको लेकर समाजसेवी श्री तिवारी ने महामहिम राष्ट्रपति, राज्यपाल एवं हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को उपायुक्त फरीदाबाद कार्यालय में सिटी मजिस्ट्रेट श्रीमती बर्लीना यादव के माध्यम से ज्ञापन सौंपा है।
श्री तिवारी ने अपने ज्ञापन में पत्रकारों के साथ हो रही बदसलूकी का और जनता की आवाज उठाने वाले बुद्धिजीवी लोगों को हो रही दिक्कतों का उल्लेख किया।
श्री तिवारी ने कहा कि आज के समय में जब जनता शासन,प्रशासन की नीति से परेशान होती है तो एकमात्र पत्रकार उसकी आवाज को उठाने में अहम भूमिका निभाता है और जब लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के साथ इस तरह से व्यवहार किया जा रहा हो तो यह हम सभी के लिए चिंता का विषय है।