Faridabad News, 04 Dec 2018 : आयशर विद्यालय सैक्टर-46, फरीदाबाद में ‘प्रेरणा दिवस’ – 2018 मनाया गया। यह कार्यक्रम तीन दिन तक चला। इस कार्यक्रम में अनेक विद्यालयों ने बढ़चढ़ कर भाग लिया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य प्राचीन लुप्त होते खेल जैसे गिल्ली-डन्डा, पिट्ठू, गैलरी, रस्सा-कस्सी, पतंग उड़ाना, कंचा आदि को पुनर्जीवन प्रदान करना है। कार्यक्रम का शुभारंभ ‘उम्मीदों का है आसमां और खेलों की घडी’ गीत से हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डिप्टी डायरेक्टर ऑफ स्पोर्टस हरियाणा ‘श्री अशोक सैनी जी’ रहे। उन्होंने दर्शकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि खेलकूद शरीर को स्वस्थ रखने के साथ-साथ हमारे मन को भी तनावमुक्त रखता है। उन्होंने आयशर विद्यालय के इस प्रयास की सराहना की और कहा कि इस प्रकार के खेलों को आयोजन समय समय पर सभी विद्यालयों को आयोजित करना चाहिए ताकि आज की पीढ़ी भी प्राचीन खेलों का आनंद उठा सके।
तीन दिवसीय ‘खेल-खेल में’ की श्रृंखला के प्रथम चरण में खेले जाने वाले खेल थे ‘कंचा’ और ‘पिट्ठू’। कंचा खेल में (लड़कों) की टीम में डी.ए.वी. सैक्टर-14, ने प्रथम स्थान एवं आयशर विद्यालय फरीदाबाद ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया। इसी खेल में (लड़कियों) की टीम का प्रदर्शन भी सराहनीय रहा। इस खेल में प्रथम स्थान प्राप्त किया ग्रांड कोलंबस एवं द्वितीय स्थान पर आयशर स्कूल परमाणु रहा। कंचा खेल में अल्वर पब्लिक स्कूल प्रथम एवं ग्रांड कोलंबस द्वितीय रहा।
दूसरे चरण के खेल गिल्ली-डंडा में आयशर विद्यालय फरीदाबाद प्रथम एवं डी.ए.वी. सैक्टर-3, द्वितीय स्थान पर रहा। पतंग उड़ान प्रतियोगिता में अल्वर पब्लिक स्कूल प्रथम एवं आयशर द्वितीय रहा।
कार्यक्रम के तीसरे चरण में खेल रस्सा-कस्सी में आयशर फरीदाबाद प्रथम व डी.ए.वी. सैक्टर-3 द्वितीय रहा। गैलरी खेल में आयशर विद्यालय प्रथम एवं डी.ए.वी. सैक्टर-3 द्वितीय रहा।
कार्यक्रम के समापन दिवस पर मुख्य अतिथि के रुप में डी.एस.ओ. सुश्री मैरी मैसी रहीं। उन्होंने विजेताओं को पुरस्कार वितरित किए और कहा कि इस प्रकार के प्राचीन खेलों को देख कर पुरानी यादें ताजा हो गईं। इस प्रकार के खेलों को आयोजन राज्य स्तर पर होना चाहिए। उन्होंने कहा कि खेल जीवन का आवश्यक अंग है। इसी से हम चुस्त व तन्दरुस्त रह सकते हैं। अंत में आयश विद्यालय की प्रधानाचार्या सुश्री रितु कोहली ने प्रतिभागियों एवं उनके साथ आए शिक्षकों का धन्यवाद देते हुए आभार प्रकट किया।