Faridabad News, 14 dec 2020 : अंतर्राष्ट्रीय भारत विज्ञान महोत्सव (आईआईएसएफ)-2020 के छठे संस्करण के हिस्से के रूप में जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद द्वारा कर्टेन रेजर इंवेट का आयोजन किया गया। यह इवेंट विज्ञान भारती हरियाणा के सहयोग से आयोजित किया गया। कार्यक्रम में हरियाणा के 500 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।
अंतर्राष्ट्रीय भारत विज्ञान महोत्सव (आईआईएसएफ)-2020 का आयोजन का छठा संस्करण का आयोजन 22 दिसंबर से 25 दिसंबर, 2020 तक विषयवस्तु ‘आत्मनिर्भर भारत एवं विश्व कल्याण के लिए विज्ञान’ पर किया जा रहा है। यह आयोजन भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय, तथा विज्ञान भारती (विभा) के सहयोग किया जा रहा है।
कार्यक्रम में राष्ट्रीय विज्ञान, प्रौद्योगिकी और विकास अध्ययन संस्थान (एनआईएसटीएडी) की निदेशक प्रो. रंजना अग्रवाल तथा विभा के राष्ट्रीय संगठन सचिव श्री जयंत सहस्रबुद्धे मुख्य वक्ता रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने की। उन्होंने कहा कि यह महोत्सव दुनिया को भारतीय विज्ञान से परिचित करवाने का महत्वपूर्ण मंच है।
अपने संबोधन में कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने विभा तथा भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों द्वारा कोविड महामारी बावजूद विज्ञान को लोगों, विशेष रूप से युवा पीढ़ी के बीच लोकप्रिय बनाने के लिए विज्ञान महोत्सव आयोजित करने के प्रयासों की सराहना की।
इस अवसर पर प्रो. रंजना अग्रवाल ने आईआईएसएफ-2020 का संक्षिप्त परिचय प्रस्तुत किया और बताया कि इस महोत्सव की शुरूआत वर्ष 2015 में देश में विज्ञान और प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने के उद्देश्य से की गई थी और तब से अब तक पांच संस्करणों का सफलतापूर्वक आयोजन किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि कैसे आनलाइन मोड ने सभी बाधाओं को तोड़ते हुए में इस महोत्सव में युवाओं की भागीदारी बढ़ाया है। उन्होंने अधिक से अधिक विद्यार्थियों को महोत्सव में हिस्सा लेने के लिए प्रेरित भी किया।
अपने संबोधन में श्री जयंत सहस्रबुद्धे ने बताया कि इस बार महोत्सव ने काफी संख्या में वैश्विक एवं विदेशों में भारतीय शोधकर्ताओं और शिक्षाविदों को आकर्षित किया है। कार्यक्रम समन्वयक डॉ. बिन्दु मंगला ने महोत्सव में विद्यार्थियों की भागीदारी को लेकर भरोसा जताया।