Faridabad News, 21 June 2021 : जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद द्वारा 7वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस विश्वविद्यालय परिसर में योग सत्र का आयोजन किया गया, जिसे विद्यार्थियों के लिए डिजिटल प्लेटफार्म पर प्रसारित भी किया गया। इस योग सत्र में 300 से ज्यादा प्रतिभागियों एवं विद्यार्थियों ने आयुष मंत्रालय द्वारा जारी सामान्य योग प्रोटोकॉल का पालन करते हुए योगिक क्रियाओं में हिस्सा लिया। कार्यक्रम का आयोजन विश्वविद्यालय के डीन स्टूडेंट वेलफेयर के कार्यालय द्वारा किया गया, जिसमें कम्युनिटी कॉलेज द्वारा तकनीकी सहयोग दिया गया।
विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित योग सत्र में शिक्षाविद् एवं समाजसेवी डाॅ. देव प्रसाद भारद्वाज मुख्य अतिथि रहे। इस अवसर पर कुलपति प्रो. दिनेश कुमार, कुलसचिव डॉ. एस. के. गर्ग तथा डीन स्टूडेंट वेलफेयर डॉ. लखविंदर सिंह सहित निरामयं योग क्लब से जुड़े सदस्यों ने सामाजिक दूरी बनाये रखते हुए योग सत्र में हिस्सा लिया और अन्य सभी विद्यार्थी तथा संकाय सदस्य डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से सत्र में सम्मिलित हुए। योग अभ्यास सत्र का संचालन योग आचार्य श्री तरून रावत द्वारा किया गया है। कार्यक्रम का संपूर्ण संचालन डिप्टी डीन डॉ. अनुराधा पिल्लाई की देखरेख में संपन्न हुआ। योग सत्र के उपरांत निदेशक युवा कल्याण डॉ. प्रदीप डिमरी ने ‘आनंद के दृष्टिकोण से योग’ विषय पर चर्चा की तथा प्रतिभागियों को आनंद प्राप्ति के लिए योग साधना के महत्व से अवगत करवाया।
इस अवसर पर बोलते हुए मुख्य अतिथि डॉ. देव प्रसाद भारद्वाज ने कहा कि योग विश्व को भारत की प्राचीन परंपरा की एक अमूल्य देन है। उन्होंने स्वस्थ जीवन शैली और व्यक्तित्व विकास में योग के महत्व पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने स्वस्थ जीवन शैली के लिए योग अभ्यास की आवश्यकता पर बल दिया। प्रो. दिनेश कुमार ने कहा कि कोरोना महामारी से बचाव में योग मददगार साबित हुआ है। योग श्वसन प्रणाली की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है, जो वायरस से लड़ने में मदद करती है। इसलिए, महामारी के समय में योग और भी अधिक महत्वपूर्ण बन गया है। विद्यार्थी जीवन में योग के महत्व पर बोलते हुए कुलपति ने कहा कि योग मन को शांत करके एकाग्रता और ध्यान केंद्रित करने में मदद करता है, जिससे जीवन में जटिल समस्याओं को हल करने के लिए एक अभिनव दृष्टिकोण विकसित होता है। उन्होंने आह्वान किया कि योग को केवल एक दिन की गतिविधि न बनाये, अपितु इसे अपने दैनिक जीवन का हिस्सा बनाये। कार्यक्रम के समापन पर कुलसचिव डॉ. एस. के. गर्ग ने कार्यक्रम को सफल बनाने पर सभी प्रतिभागियों का धन्यवाद किया।
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