Faridabad News, 30 Jan 2019 : काॅरपोरेट और अकादमिक क्षेत्र से विशिष्ट व्यक्तियों के व्याख्यानों की श्रृंखला के तहत जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद द्वारा जल संसाधन के क्षेत्र की अग्रणी कंपनी वाबेग लिमिटेड, बैंगकाॅक, थाईलैंड के सीईओ अनिल कुमार सरावत को विशेषज्ञ व्याख्यान के लिए आमंत्रित किया, जिन्होंने विद्यार्थियों के साथ अनुभव तथा जानकारी साझी की।
सार्वजनिक उपक्रमों तथा विभिन्न देशा की बहुराष्ट्रीय कंपनियों में ऊर्जा और जन संसाधन क्षेत्र में 33 वर्षाें से अधिक का अनुभव रखने वाले अनिल कुमार सरावत ने प्रौद्योगिकी व तकनीकी उन्नति से व्यवसाय के क्षेत्र में आ रहे बदलावों से उत्पन्न हो रहे रूझानों पर व्याख्यान प्रस्तुत किया। इस व्याख्यान का उद्देश्य विद्यार्थियों को तकनीकी उन्नति के कारण कामकाज में आ रहे वैश्विक बदलावों की जानकारी देना था। व्याख्यान का आयोजन विश्वविद्यालय के इंडस्ट्री रिलेशन्स सेल तथा एलुमनाई व काॅरपोरेट अफेयर सेल द्वारा डाॅ. अर्शबीर सिंह की देखरेख में किया गया, जिसका समन्वयन डाॅ. संजीव गोयल तथा डाॅ. रश्मि पोपली द्वारा किया गया।
अपने व्याख्यान में, श्री सरावत ने विद्यार्थियों को अवगत कराया कि डिजिटल प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में हो रही उन्नति ने वैश्विक रूप से हमारे काम करने के तौर-तरीके को बदल दिया है और ये परिवर्तन किस प्रकार हमारे समाज और व्यवसाय को प्रभावित कर रहे है। उन्होंने बताया कि नई तकनीकी प्रगति के साथ डिजिटल परिवर्तन कैसे आईटी और बैंकिंग उद्योग और इंजीनियरिंग पेशे को भविष्य में प्रभावित करेगा। उन्होंने विद्यार्थियों को वर्तमान चुनौतियों और डिजिटल बदलाव के कारण उत्पन्न हो रहे अवसरों से भी परिचित कराया।
स्मार्ट उत्पादों और समाधान की अवधारणा का उल्लेख करते हुए, श्री सरावत ने कहा कि बिग डेटा एनालिटिक्स, क्लाउड एंड साइबर-सिक्योरिटी सर्विसेज, आईओटी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और कई अन्य डिजिटल टेक्नोलॉजी भविष्य में कौशल विकास मुख्य केन्द्र है। उन्होंने कहा कि मोबाइल ऐप डेवलपमेंट, सोशल मीडिया, डेटा साइंटिस्ट्स और प्लेटफॉर्म इंजीनियरिंग जैसी भूमिकाओं के लिए निरंतर मांग बढ़ती जा रही है। श्री सरावत ने अपने अनुभव से विद्यार्थियों का मार्गदर्शन किया और उन्हें करियर के लिए शुभकामना दी।
सत्र को संबोधित करते हुए, कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने कहा कि विश्वविद्यालय ने उद्योग और तकनीकी के क्षेत्र में हो रही नवीनतम प्रति से विद्यार्थियों को परिचित करवाने के लिए अकादमिक और उद्योग क्षेत्र से विशिष्ट वक्ताओं की विशेषज्ञ व्याख्यान श्रृंखला शुरू की है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय नवीन प्रौद्योगिकी के खुद को जोड़ने के लिए अकादमिक-औद्योगिक सहभागिता को प्रोत्साहित करने की दिशा में काम कर रहा है। इस अनुसंधान केंद्रित दृष्टिकोण से विश्वविद्यालय को उद्योगों की जरूरत के अनुरूप भविष्य के इंजीनियर तैयार करने में मदद मिलेगी और विद्यार्थियों की रोजगार क्षमता का भी विकास होगा। इस अवसर पर कुलपति ने अनिल कुमार सरावत को स्मृति चिह्न भी भेंट किया।