Faridabad News, 30 Aug 2021: देश के सुप्रसिद्ध शिक्षाविद समाजशास्त्री दार्शनिक प्रोफ़ेसर एमपी सिंह ने सेक्टर 14 स्थित नशा मुक्ति केंद्र में प्राथमिक सहायता का प्रशिक्षण लेने वाले प्रतिभागियों के साथ न्याय चौपाल लगाकर कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व मनाया इस अवसर पर डॉ एमपी सिंह ने श्री कृष्ण की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए उनके कार्यों का वर्णन किया और कहा कि श्री कृष्ण ने भीष्म पितामह जैसे महान ज्ञानी विज्ञानी और दूरदर्शी का भी मार्गदर्शन किया तथा अर्जुन का सारथी बनकर धर्म का पाठ पढ़ा कर विजय दिलाई बाल्यावस्था में ही पूतना का वध किया अनेकों ऐसी लीला रची जिनकी वजह से सुर असुर देवता नर किन्नर आदि नतमस्तक हो गए डॉ एमपी सिंह ने कहा कि मथुरा के राजा कंस ने देवकी और वसुदेव को कृष्ण का जन्म होने से पहले ही कारागार में डाल दिया था जो कितना न्याय संगत है यह सारी दुनिया जानती है डॉ एमपी सिंह ने कहा कि इस दिन देश के सभी मंदिरों को सजाया जाता है और देशवासी व्रत रखकर पूजा अर्चना करते हैं इस दिन देश की कारागारओं को भी सजाया जाता है यह आस्था और विश्वास का त्यौहार है महाभारत के युद्ध को देखते हुए और कारागार की घटना को देखते हुए लोगों की जान बचाने हेतु न्याय संगत प्रश्नों को प्रतिभागियों ने किया जिनका जवाब डॉ एमपी सिंह ने देते हुए कहा कि प्राथमिक सहायक किसी भी घायल पीड़ित चोटिल और रोगी की जान को उत्तम ज्ञान से बचा सकता है उसकी पीड़ा को कम कर सकता है बहते हुए खून को रोक सकता है बेहोशी को होश में बदल सकता है इसीलिए प्राथमिक सहायता का ज्ञान सभी के लिए जरूरी है लेकिन वर्तमान परिपेक्ष में प्राथमिक सहायता करते हुए अधिकतर लोग डरते हैं जबकि प्राथमिक सहायता करने वाले को पुलिस से डरना नहीं चाहिए बल्कि पुलिस के कार्य को आसान करने में मदद करनी चाहिए कई सड़क दुर्घटना ऐसी होती हैं जिनमें आम आदमी को हाथ नहीं डालना चाहिए जैसे किसी को चाकू से गोदना तलवार से काटना गोली मारकर हत्या कर देना इनमें पुलिस को सूचना देना जरूरी है अन्य घटना दुर्घटनाओं में आप चोटिल घायल पीड़ित व रोगी की जान बचाने के लिए आगे आ सकते हैं और प्राथमिक सहायता देकर प्राण बचा सकते हैं इस कार्य के लिए पुलिस प्रशासन आपको प्रशंसा पत्र व नगद इनाम भी देता है डॉ एमपी सिंह ने बताया कि अनेकों बार देखा गया है कि कुछ लोग ट्रक ड्राइवर को सुपारी दे देते हैं और आदमी की रेकी कराकर मरवा देते हैं यदि ऐसा कोई केस आपको दिखाई देता है तो पुलिस को सूचना देनी अनिवार्य है अपनी सुरक्षा करके ही दूसरों को सुरक्षित रखा जा सकता है बीमार आदमी सही आदमी को भी बीमार कर सकता है इसलिए कोविड-19 की गाइड लाइनों की पालना करनी चाहिए और घायल में पीड़ित की जान बचाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा देना चाहिए वर्तमान परिपेक्ष में मानवीय मूल्यों में गिरावट आ चुकी है जिसकी वजह से दिन प्रतिदिन अपराध बढ़ते जा रहे हैं और अपराधी निरंकुश चारों तरफ घूमते हुए नजर आ रहे हैं जो व्यक्ति निस्वार्थ भाव से परोपकार करता है उसको किसी प्रकार की आंच नहीं आती है सहायता करते समय किसी प्रकार का लोभ लालच नहीं होना चाहिए स्वार्थ के लिए बचाना तो ना बचाने के बराबर ही होता है क्योंकि बचाने के बाद भी उसका जीवन तो बेकार ही होता है आपको अपने सामने अनर्थ व अन्याय नहीं होने देना चाहिए कई षड्यंत्रकारी बहुत ही स्मार्ट तरीके से काम करते हैं वह पुलिस और प्रशासन को साथ लेकर चलते हैं या उन्हीं का सहारा लेकर अपराध को जन्म देते हैं लेकिन समाज के लोग विरोध नहीं कर पाते हैं जबकि उनको विरोध करना चाहिए विरोध करने वालों को अनेकों परेशानियों का और मुसीबतों का सामना करना पड़ता है कई बार मौत को भी गले लगाना पड़ता है लेकिन इतिहास उन्हीं का बनता है जो निर्भीकता और निडरता से सिद्धांत पर टिके रहते हैं हमारे पूर्वजों का इतिहास भी यही बताता है सुभाष चंद्र बोस चंद्रशेखर आजाद शहीद भगत सिंह रामप्रसाद बिस्मिल महात्मा गांधी सरदार वल्लभभाई पटेल झांसी की रानी सर हेनरी ड्यूना बाबा भीमराव अंबेडकर स्वामी दयानंद गुरु तेग बहादुर श्री कृष्णा मर्यादा पुरुषोत्तम राम महावीर स्वामी ईसा मसीह आदि अनेकों ऐसे महापुरुष हुए हैं जिन्होंने अपने जीवन में अनेकों दुखों को झेला और आने वाली पीढ़ी को सुख देने के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी इसीलिए हम उनको श्रद्धा पूर्वक याद करते हैं और उनकी जयंती मनाते रहते हैं न्याय की चौपाल में नरेंद्र राघव रविंदर कृष्ण प्रताप दिनेश कुमार नरसिंह किशोर महिपाल सिंह भास्कर मिश्रा संजय कुमार रोहित सिंह प्रिंस दिलीप कुमार पंकज कुमार प्रवीण कुमार दिनेश गोयल पूनम शर्मा विजयपाल यादव अरशद अहमद सुमित शिवकुमार ने भाग लिया और डॉ एमपी सिंह ने सभी प्रतिभागियों को न्याय का पाठ पढ़ाया तथा न्याय प्रिय बनने की अपील भी की