जे सी बोस विश्वविद्यालय ने हर्षोल्लास से मनाया 54वां स्थापना दिवस

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फरीदाबाद, 16 सितंबर – जे.सी. बोस विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद ने आज 54वां स्थापना दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया और विद्यार्थियों, कर्मचारियों एवं पूर्व छात्रों को उनकी विशिष्ट उपलब्धियों पर सम्मानित किया गया।

इस अवसर पर हरियाणा राज्य उच्च शिक्षा परिषद (एचएसएचईसी) के अध्यक्ष प्रो. बृज किशोर कुठियाला समारोह के मुख्य अतिथि रहे। समारोह में गुरु जम्भेश्वर विश्वविद्यालय हिसार के संस्थापक कुलपति डॉ. के. एल. जौहर और सीएसआईआर के पूर्व निदेशक डॉ. गिरीश साहनी विशिष्ट अतिथि रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति प्रो सुशील कुमार तोमर ने की। इस अवसर को चिह्नित करने के लिए विभिन्न छात्र क्लबों द्वारा गीत, कविता, नृत्य और योग प्रदर्शन के रूप में सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये गये, जिसकी सभी ने सराहना गया। कार्यक्रम का आयोजन विश्वविद्यालय के छात्र कल्याण प्रकोष्ठ द्वारा किया गया।

समारोह को संबोधित करते हुए प्रो. कुठियाला ने विश्वविद्यालय के स्थापना दिवस पर सभी हितधारकों को बधाई दी और कहा कि जे.सी. बोस विश्वविद्यालय इस बात का एक बड़ा उदाहरण है कि कैसे एक संस्थान सर्वश्रेष्ठ रूप में विकास होता है। समाज की उन्नति में उच्च शिक्षा के योगदान को महत्वपूर्ण बताते हुए उन्होंने कहा कि हरियाणा में लगभग 29 प्रतिशत छात्र उच्च शिक्षा के स्तर तक पहुंचते हैं, जिन पर देश और समाज के विकास में योगदान की बड़ी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि हरियाणा उच्च शिक्षा में अच्छा प्रदर्शन करने वाले शीर्ष पांच राज्यों में शामिल है। वर्तमान में, राज्य में हर 15 किलोमीटर के दायरे में एक कॉलेज और हर जिले में एक विश्वविद्यालय है।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा सरकारी विश्वविद्यालयों के लिए काफी संख्या में नये शिक्षण और गैर-शिक्षण पदों को मंजूरी दी है और भर्ती प्रक्रिया बहुत जल्द शुरू की जाएगी। विश्वविद्यालयों में पूर्व छात्रों के जुड़ाव के महत्व का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि हरियाणा राज्य उच्च शिक्षा परिषद उद्योग और शिक्षा के बीच के अंतराल को भरने के लिए राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित करने की योजना पर काम कर रहा है। साथ ही, परिषद की गैर-तकनीकी पाठ्यक्रमों जैसे कला, वाणिज्य और विज्ञान के छात्रों को आजीविका अर्जन कौशल प्रदान करने की योजना है ताकि उन्हें आजीविका के लिए सक्षम बनाया जा सके। उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को समयबद्ध कार्य योजना बताते हुए कहा कि हरियाणा ने 2025 तक एनईपी लक्ष्यों को प्राप्त करने का लक्ष्य रखा है और परिषद् एनईपी से लक्ष्यों से आगे जाकर शिक्षा प्रणाली को राष्ट्रीय नीतियों के साथ जोड़ने के प्रयास कर रही है।

अपने संबोधन में कुलपति प्रो. सुशील कुमार तोमर ने कहा कि जे.सी. बोस विश्वविद्यालय का एक शिक्षण संस्थान के रूप में न केवल फरीदाबाद क्षेत्र के औद्योगिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है, बल्कि इसके पूर्व छात्रों ने देश के सामाजिक-आर्थिक विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि स्थापना दिवस उपलब्धियों, आत्मनिरीक्षण और भविष्य के लिए योजना बनाने का एक महत्वपूर्ण अवसर होता है। विश्वविद्यालय ने पिछले कुछ वर्षों के दौरान कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की है जिसमें विभिन्न राष्ट्रीय एजेंसियों द्वारा पुरस्कार और मान्यता, शैक्षणिक विकास और ढांचागत विकास शामिल हैं। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय आने वाले वर्षों में गुणवत्ता मानकों पर राष्ट्रीय एजेंसियों द्वारा अच्छे ग्रेड और रैंकिंग हासिल करने की इच्छा रखता है।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डॉ. जौहर ने एक शैक्षणिक संस्थान के रूप में विश्वविद्यालय की गौरवशाली विरासत और उद्यमिता के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभाने वाले इसके छात्रों की क्षमताओं की सराहना की। उन्होंने छात्रों को देश के लिए स्वदेशी प्रौद्योगिकी विकसित करने के लिए नवाचार और अनुसंधान पर काम करने के लिए प्रेरित किया।
बाद में, सीएसआईआर के पूर्व निदेशक डॉ गिरीश साहनी ने ‘राष्ट्रीय प्रगति के लिए निश्चित लक्ष्य हासिल करने के लिए विज्ञान को आनंद और प्रौद्योगिकी को मूल्य के रूप में सीखने’ पर व्याख्यान दिया तथा छात्रों से विज्ञान और प्रौद्योगिकी को उपयोग समाज की बेहतरी के लिए करने का आह्वान किया।

इससे पहले अतिथियों ने जगदीश चंद्र बोस की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और विश्वविद्यालय में वार हीरोज गैलरी में शहीदों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने विश्वविद्यालय के हरियाली पर्व अभियान में भी भाग लिया और परिसर में विभिन्न किस्मों के पौधे लगाए। इस अवसर पर संचार एवं मीडिया प्रौद्योगिकी विभाग के ‘संचार’ के विशेषांक का विमोचन भी किया गया।
समारोह में कुलपति कार्यालय में चालक श्री राम निवास को विश्वविद्यालय की 25 वर्षों की समर्पित सेवाओं के लिए सम्मानित किया गया। इस अवसर पर सम्मानित किए गए विशिष्ट पूर्व छात्रों में फूजी जेमको प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक श्री महेश सचदेवा, श्री शुभम लिफ्ट्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक श्री विनोद कुमार राजपाल, भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड के अध्यक्ष श्री संजय श्रीवास्तव और उहलमन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक श्री सुमीत अरोड़ा शामिल रहे।

विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट उपलब्धियों के लिए 22 छात्रों को भी सम्मानित किया गया। इनमें चार विद्यार्थियों नामतः हिमांशु गेरा, आयुष कपूर, हिमांशु, तरुण खंडेलवाल, शिवम अग्रवाल और चिराग गोयल को इनोवेशन अवार्ड, चार विद्यार्थियों नामतः ऋषभ शर्मा, यश, विजय और चितरंजन को संबंधित टीमों के साथ स्पोट्र्स अवार्ड, पांच विद्यार्थियों नामतः नीतीश, राहुल, तुशांत कुमार, निखिल चैधरी और अन्वेश को कम्युनिटी सर्विस अवार्ड और सात विद्यार्थियों नामतः कामाक्षी भट, आर्यन, उमेश कुमार गोला, रक्षित बजाज, सुष्मिता नस्कर, आयुष कपूर और साहिल कौशिक को सांस्कृतिक और तकनीकी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के अंत में डिप्टी डीन डाॅ अनुराधा पिल्लाई ने अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित किया।

उल्लेखनीय है कि जे.सी. विश्वविद्यालय जोकि वर्ष 1969 में एक इंडो-जर्मन डिप्लोमा संस्थान के रूप में अस्तित्व में आया था, को पहले वाईएमसीए इंस्टीट्यूट संस्थान के रूप में जाना जाता था। इस इंजीनियरिंग संस्थान को वर्ष 2009 में राज्य सरकार द्वारा विश्वविद्यालय के स्तर पर अपग्रेड कर दिया गया था। इस तरह विश्वविद्यालय ने एक संस्थान के रूप में अपने 53 वर्ष और एक विश्वविद्यालय 13 वर्ष पूरे कर लिये है।

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