जे सी बोस विश्वविद्यालय ने हर्षोल्लास से मनाया स्थापना दिवस

0
1314
Spread the love
Spread the love

Faridabad News, 16 Sep 2020 : जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद द्वारा आज अपना स्थापना दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय ने वरिष्ठ शिक्षकों तथा कर्मचारियों को 25 वर्ष की सेवा पूरी करने पर सम्मानित किया।

जे.सी. विश्वविद्यालय जोकि वर्ष 1969 में एक इंडो-जर्मन डिप्लोमा संस्थान के रूप में अस्तित्व में आया था और पहले वाईएमसीए इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग के रूप में जाना जाता था, वर्ष 2009 में राज्य सरकार द्वारा विश्वविद्यालय के स्तर पर अपग्रेड कर दिया गया था, ने अपनी स्थापना के 51 वर्ष पूरे कर लिये है। इस अवसर पर सरकार द्वारा जारी एसओपी और उचित दूरी का पालन करते हुए विश्वविद्यालय परिसर में एक छोटा सा समारोह आयोजित किया गया, जिसमें दिल्ली प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. योगेश सिंह मुख्य अतिथि के रूप में सम्मिलित हुए। विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) करण सिंह यादव, पूर्व कुलसचिव डॉ. (श्रीमती) शिमला तथा वाईएमसीए इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग के पूर्व निदेशक-प्रिंसिपल डॉ. अशोक कुमार अरोड़ा इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति प्रो दिनेश कुमार ने की। कार्यक्रम का आयोजन डीन स्टूडेंट वेलफेयर कार्यालय द्वारा किया गया।

इस अवसर पर संबोधित करते हुए कुलपति प्रो दिनेश कुमार ने कहा कि विश्वविद्यालय में कर्मचारियों की उत्कृष्ट उपलब्धि तथा सेवाओं को मान्यता देने की परंपरा रही है। विश्वविद्यालय ने हाल ही में संस्थान के रूप में अपने 50 वर्ष पूरे किए हैं और वर्ष 2019 को स्वर्ण जयंती वर्ष के रूप में मनाया है। विश्वविद्यालय ने पिछले कुछ वर्षों के दौरान कई उपलब्धियां हासिल की हैं जिनमें विभिन्न राष्ट्रीय एजेंसियों द्वारा विभिन्न मानदंडों पर मान्यता, अनुसंधान एवं शैक्षणिक विकास और ढांचागत विकास शामिल हैं। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय का स्थापना दिवस इन उपलब्धियों को मनाने और भावी योजनाओं मंथन करने का दिन है। उन्होंने बताया कि जल्द ही विश्वविद्यालय अपने कैंपस का विस्तार करेगा, जिसके लिए राज्य सरकार ने 18 एकड़ जमीन विश्वविद्यालय को आवंटित की है। इस संबंध में सभी औचारिकताएं पूरी हो चुकी है और जल्द ही इसकी आधारशिला रखी जायेगी।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रो. योगेश सिंह ने विश्वविद्यालय को 51 वर्ष पूरे करने पर बधाई देते हुए कहा कि विश्वविद्यालय को इस दिन उन सभी शिक्षकों के महान योगदान को याद रखना चाहिए, जिनके सामूहिक प्रयासों ने इस दिन को यादगार बनाया है और विश्वविद्यालय के आदर्श वाक्य ‘विद्या परम भूषणम’ भी हमेशा याद रखें। उन्होंने तकनीकी विकास में विश्वविद्यालयों की भूमिका और समर्थक तकनीकी दृष्टिकोण पर बल दिया।

कार्यक्रम को कुलपति लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) करण सिंह यादव, डॉ. शिमला, डॉ. अशोक कुमार अरोड़ा और कुलसचिव डाॅ. एस.के. गर्ग ने भी संबोधित किया।
जिन वरिष्ठ शिक्षकों तथा कर्मचारियों को 25 वर्ष की सेवा पूरी करने पर सम्मानित किया गया, उनमें मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग में प्रोफेसर डॉ. संदीप ग्रोवर, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग में प्रोफेसर डाॅ. पीआर शर्मा, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. प्रदीप कुमार डिमरी, इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग विभाग में एचओएस ललित मोहन, मैनटेनेंस शाखा से एसडीई अनिल कुमार शर्मा तथा चीफ होस्टल वार्डन कार्यालय से हेल्पर अटेंडेंट महाबीर सिंह शामिल रहे। इसके अलावा, प्रो. कोमल कुमार भाटिया, डॉ. नीलम दूहन, अंकित पन्नू और ओमदेव को विश्वविद्यालय में डिजिटल पहल को बढ़ावा देने में उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित किया गया। सिविल इंजीनियरिंग विभाग को श्रेष्ठ नवोदित विभाग का पुरस्कार दिया गया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के विशिष्ट एलुमनाई अरुण भाटिया और मोहित वोहरा को भी सम्मानित किया गया। डीन स्टूडेंट वेलफेयर डॉ. लखविंदर सिंह ने कार्यक्रम के अंत में सभी को आभार जताया।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here