जे सी बोस विश्वविद्यालय ने अपना ‘डिजिटल लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम’ विकसित किया

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Faridabad News, 01 April 2020 : विद्यार्थियों को कोरोनो वायरस महामारी के कारण उत्पन्न स्थिति में विद्यार्थियों को पढ़ाई जारी रखने की सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद ने अपना ‘डिजिटल लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम’ विकसित करने में सफलता हासिल की है। यह सिस्टम विद्यार्थियों को एक आनलाइन मंच प्रदान करेंगा, जहां विद्यार्थी जरूरत अनुसार अध्ययन सामग्री और ई-संसाधनों प्राप्त कर सकते है और लाइव चैट के माध्यम से संकाय सदस्यों के साथ संवाद भी कर सकते है।

विश्वविद्यालय के डिजिटल लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम (डीएलएमएस) का शुभारंभ कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से किया। इस डिजिटल प्लेटफार्म को विश्वविद्यालय की डिजिटल इंडिया सेल की टीम द्वारा कंप्यूटर इंजीनियरिंग विभाग के अध्यक्ष डाॅ. कोमल भाटिया तथा कंप्यूटर एप्लीकेशन विभाग के अध्यक्ष डाॅ. अतुल मिश्रा की देखरेख में विकसित किया गया है।
कुलपति प्रो दिनेश कुमार ने काफी कम समय में विश्वविद्यालय के डिजिटल प्लेटफॉर्म को विकसित करने के लिए अथक प्रयास करने पर डिजिटल इंडिया सेल की टीम के प्रयासों की सराहना की है। उन्होंने कहा कि कोरोनावायरस महामारी के कारण विश्वविद्यालय परिसर को पूरी तरह से बंद करने की घोषणा के बाद से विश्वविद्यालय के सामने एक बड़ी चुनौती थी कि विद्यार्थियों की पढ़ाई को कैसे जारी रखा जाए। इस चुनौती को स्वीकार करते हुए डिजिटल इंडिया सेल ने विश्वविद्यालय का अपना डिजिटल प्लेटफार्म विकसित कर एक बेहतरीन समाधान दिया है, जिसकी मदद से विद्यार्थी घर से भी पढ़ाई जारी रख सकेंगे।

कुलपति ने कहा कि कोरोनोवायरस महामारी ने मानव जाति के लिए एक बड़ी चुनौती बनकर उभरी है, लेकिन दूसरी ओर, इसने वैज्ञानिकों, इंजीनियरों तथा तकनीकीविद्ों को स्थिति से उबरने के लिए इनोवेटिव समाधान खोजने का अवसर भी दिया है। उन्होंने उम्मीद जताई कि विश्वविद्यालय का डिजिटल लर्निंग प्लेटफॉर्म विद्यार्थियों की अध्ययन संबंधी आवश्यकता को पूरा करेगा, अध्ययन को सुविधाजनक बनायेगा और उनकी पढ़ाई का भी नुकसान नहीं होगा।

डिजिटल इंडिया सेल की नोडल अधिकारी डॉ. नीलम दूहन ने बताया कि विश्वविद्यालय के डिजिटल लर्निंग प्लेटफॉर्म को अध्ययन सामग्री अपलोड करने, लाइव चैट, डिस्कशन फोरम इत्याादि जैसी सुविधाओं के साथ सक्षम बनाया गया है। इसके साथ ही प्लेटफार्म को आवश्यकता अनुसार अपग्रेड किया जायेगा तथा लाइव वीडियो स्ट्रीमिंग जैसे फीचर्स को भी जोड़ा जायेगा। इस प्लेटफार्म को विद्यार्थी कहीं से भी अपने लाॅगइन से एक्सेस कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस प्रणाली को विश्वविद्यालय सिस्टम एनालिस्ट अंकित पन्नू तथा डिजिटल इंडिया सेल से जुड़े विद्यार्थियों द्वारा विकसित किया गया है। कुछ अन्य महत्वपूर्ण प्लेटफार्म जैसे लाइब्रेरी ई-पोर्टल, नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी, स्वयमं, एनपीटीईएल, ई-रिसोर्स, गूगल क्लासरूम इत्यादि को भी प्लेटफार्म के साथ जोड़ा गया है।

उल्लेखनीय है कि डिजिटल लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम (डीएलएमएस) एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है, जो विद्यार्थियों को क्लासरूम या किसी भी अन्य स्थान पर अध्ययन सामग्री, संसाधन, उपकरण या गतिविधियों में हिस्सा लेने में सक्षम बनाता है। यह शिक्षकों को कभी भी एवं कही से भी जरूरी निर्देश देने में भी सक्षम बनाता हैं। इस प्लेटफार्म का उपयोग अध्ययन सामग्री के संग्रहण, व्यवस्थित करने तथा विद्यार्थियों को दी जाने वाली असाइनमेंट का मूल्यांकन करने के लिए किया जा सकता है। इसके अलावा, डिजिटल प्लेटफार्म पर विद्यार्थियों तथा शिक्षकों के बीच संवाद के लिए लाइन चैट जैसी सुविधाएं भी होती है।

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