Faridabad News, 25 April 2020 : कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर अनिश्चितता की स्थिति विद्यार्थियों के बीच अपनी पढ़ाई और भविष्य को लेकर चिंता, भय और तनाव पैदा कर सकती है और देशव्यापी लाॅकडाउन के दौरान घर के अंदर बंद रहने तथा सामाजिक रूप से दूर हो जाने के कारण विद्यार्थियों का मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है। ऐसी स्थिति में विद्यार्थियों को मानसिक रूप से स्वस्थ्य रहने की परामर्श सेवाएं देने के लिए जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद ने ‘कम्फर्ट’ नाम से मुफ्त मानसिक स्वास्थ्य परामर्श सेवाएँ प्रदान करने की पहल की है।
इस संबंध में जानकारी देते हुए कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने बताया कि विद्यार्थियों को अपनी पढ़ाई, परीक्षा और भविष्य को लेकर चिंता हो सकती है जोकि स्वाभाविक है और यह चिंता उनके मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती है। कोविड-19 महामारी के दौरान विद्यार्थियों के मानसिक स्वास्थ्य को लेकर विश्वविद्यालय अत्यधिक चिंतित है। इस पहल के माध्यम से, विश्वविद्यालय का उद्देश्य उन विद्यार्थियों को मनोवैज्ञानिक सहायता प्रदान करना है जो कोरोना वायरस के कारण उनके जीवन में अचानक आये बदलावों से तनावग्रस्त है।
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा विद्यार्थियों के लिए मनोवैज्ञानिक, परामर्शदाता, मनोचिकित्सक और चिकित्सकों की सेवाओं की व्यवस्था की है। इस सेवाओं का लाभ उठाने के लिए विद्यार्थी मोबाइल नंबर 9813823115 पर सायं 4 से 6 बजे के बीच संपर्क कर सकते हैं। विशेषज्ञों का विवरण विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर भी उपलब्ध कराया गया है। उन्होंने विद्यार्थियों से सेवाओं का लाभ उठाने का आग्रह किया है।
इसके अलावा, कुलपति ने विद्यार्थियों को आश्वासन दिया है कि विद्यार्थाी अपनी परीक्षाओं को लेकर चिंतित न हो। विश्वविद्यालय प्रशासन विद्यार्थियों के भविष्य की सुरक्षा के लिए सभी तरह के प्रयास कर रहा है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय जल्द ही सभी पाठ्यक्रमों के अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों की परीक्षा आयोजित करेगा। हालांकि, परीक्षा का तरीका अभी तय नहीं किया गया है। परीक्षाओं को ऑनलाइन मोड में आयोजित करने की संभावना व्यक्त करते हुए कुलपति ने कहा कि जैसे ही परीक्षा पर निर्णय लिया जायेगा, विद्यार्थियों को तुरंत सूचित कर दिया जायेगा और उन्हें विस्तृत डेटशीट भी उपलब्ध करवा दी जायेगी। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय का प्रयास है कि स्थिति सामान्य होने पर एक सप्ताह या दस दिनों की अवधि में सभी परीक्षाएं आयोजित हो जाये और परीक्षा के तुरंत बाद, परिणाम घोषित कर दिया जाए। विश्वविद्यालय यह सुनिश्चित कर रहा है कि पढ़ाई या परीक्षा में देरी के कारण विद्यार्थियों का किसी तरह का नुकसान न हो।