Faridabad News, 16 July 2021 : जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद के कंप्यूटर इंजीनियरिंग विभाग और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग विभाग द्वारा नेशनल टेलिकॉम इंस्टीट्यूट फॉर पॉलिसी रिसर्च इनोवेशन एंड ट्रेनिंग (एनटीआईपीआरआईटी) के सहयोग से भविष्य को लेकर 5जी प्रौद्योगिकी पर एक दिवसीय वेबिनार का आयोजन किया। इस वेबिनार में विद्यार्थियों, शोधार्थियों और संकाय सदस्यों सहित 250 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। इस आयोजन का उद्देश्य 5जी प्रौद्योगिकी, इसके विकास और क्षमताओं, लाभों, ईएमएफ विकिरण और मिथकों, सेवा की गुणवत्ता, नेटवर्क स्लाइसिंग और संभावित उपयोग के मामले के बारे में जागरूकता लाना था।
इस अवसर पर एनटीआईपीआरआईटी के वरिष्ठ उप महानिदेशक यू.के. श्रीवास्तव मुख्य अतिथि और सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के महानिदेशक लेफ्टिनेंट (रि.) जनरल डॉ. एस.पी. कोचर रहे। सत्र की अध्यक्षता कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने की। वेबिनार में ट्राई में सलाहकार (प्रसारण और केबल सेवाएं) अनिल कुमार भारद्वाज और कुलसचिव डॉ. एस.के. गर्ग भी मौजूद थे।
सत्र को संबोधित करते हुए यू.के. श्रीवास्तव ने टेलीकाॅम प्रौद्योगिकी के महत्व के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय काफी चुनौतीपूर्ण है और इस चुनौती का सामना हम प्रौद्योगिकी के साथ कर सकते है।
डॉ. एस. पी. कोचर ने 2जी, 3जी और 4जी जैसी पिछली तकनीकों के संदर्भ में उन्नत 5जी प्रौद्योगिकी के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि 5जी प्रौद्योगिकी वर्तमान परिदृश्य को बदल देगा। यह उपकरणों की गति और कनेक्टिविटी के मुद्दों को हल करने में मदद करेगा।
सत्र को संबोधित करते हुए कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने उभरती प्रौद्योगिकियों पर चर्चा के लिए वेबिनार के आयोजन को सार्थक पहल बताते हुए कहा कि प्रतिभागियों को अनुसंधान क्षेत्रों नई प्रौद्योगिकी का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि मिलीमीटर तरंगों के साथ पहला वैज्ञानिक प्रयोग भारतीय वैज्ञानिक जगदीश चंद्र बोस द्वारा किया गया था। उन्होंने मेटीरियल के विभिन्न गुणों को मापने के लिए परीक्षण किए थे, और यह वही प्रयोग है जो हम आज करते हैं। यह गर्व की बात है कि एक ऐसे महान भारतीय वैज्ञानिक का नाम इस विश्वविद्यालय से जुड़ा है, जो अपने समय से एक सदी आगे था।
वेबिनार को प्रेसिडेंट ग्रुप सीटीओ मोबिलिटी, रिलायंस जियो श्याम प्रभाकर मर्दिकर और दूरसंचार मंत्रालय से सुनील कुमार ने भी संबोधित किया। सत्र के अंत में कुलसचिव डॉ. सुनील कुमार गर्ग ने सभी संसाधन व्यक्तियों और प्रतिभागियों को धन्यवाद दिया। कार्यक्रम समन्वयक प्रो. कोमल कुमार भाटिया, प्रो. मुनीश वशिष्ठ और प्रो. नीलम तुर्क ने आयोजन को इतना सफल बनाने के लिए आयोजक टीम का धन्यवाद किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. पारुल तोमर और डॉ. सपना गंभीर ने किया।