February 22, 2025

अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए जे सी बोस विश्वविद्यालय ने ईरानी इंस्टिट्यूट से किया समझौता

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Faridabad News, 10 Jan 2020 : जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद ने अनुसंधान को बढ़ावा देने, संयुक्त शोध परियोजनाओं तथा शैक्षणिक आदान प्रदान को बढ़ावा देने के लिए मजांदारन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी), बाबुल, ईरान के साथ समझौता किया हैं।

समझौते पर जे.सी. बोस विश्वविद्यालय की ओर से डीन (अकादमिक) प्रो. विक्रम सिंह और उप कुलपति (अनुसंधान) प्रो. घासेम नजफपुर द्वारा कुलसचिव डॉ. एस. के. गर्ग और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर दिल्ली टेक्नोलाॅजिकल युनिवर्सिटी से डाॅ. नवीन कुमार, निदेशक, इंटरनेशन अफेयर्स डाॅ. शिल्पा सेठी तथा उप निदेशक, इंटरनेशन अफेयर्स डाॅ. राजीव साहा भी उपस्थित थे।

यह अकादमिक समझौता विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के फ्यूजन पर 8वीं अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन (आईएसएफटी-2020) के दौरान आपसी हित के क्षेत्रों परस्पर सहयोग को लेकर हुई विस्तृत चर्चा के उपरांत किया गया।

समझौते के अनुसार, विज्ञान, प्रौद्योगिकी, अनुसंधान और नवाचार के क्षेत्र में काम कर रहे दोनों विश्वविद्यालयों ने अनुसंधान और शैक्षणिक सहयोग के विकास और विस्तार के लिए एक व्यवस्थित प्रणाली के अंतर्गत प्रयास करने को लेकर अपनी प्रतिबद्धता जताई।

कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने अंतर्राष्ट्रीय संबंधों को बढ़ावा देने के लिए विश्वविद्यालय के अंतर्राष्ट्रीय प्रकोष्ठ के प्रयासों की सराहना की है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय अंतर्राष्ट्रीय संबंधों की स्थापना एवं मजबूती के लिए काम कर रहा है ताकि शिक्षण, अध्ययन और अनुसंधान को बढ़ावा दिया जा सके। अंतर्राष्ट्रीय सहभागिता के माध्यम से, विश्वविद्यालय की योजना संकाय सदस्यों, शोधकर्ताओं और छात्रों के लिए शैक्षणिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने तथा अनुसंधान परियोजनाओं पर मिलकर काम करते हुए अनुसंधान को बढ़ावा देने की है।

प्रो. घासेम नजफपुर ने बताया कि मजांदारन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी), बाबुल इंजीनियरिंग और विज्ञान विषयों के विभिन्न क्षेत्रों में अनुसंधान और नवाचारों को बढ़ावा दे रहा है तथा यह विज्ञान, अनुसंधान और प्रौद्योगिकी के ईरानी मंत्रालय के अंतर्गत आता है। उन्होंने बताया कि एमआईटी, ईरान के प्रमुख सार्वजनिक अनुसंधान विश्वविद्यालय तथा अंतःविषयक अनुसंधान के केन्द्र बाबुल नोशिरवानी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (बीएनयूटी) के संयुक्त तत्वावधान में अपने कार्यक्रमों का संचालन कर रहा है जो जो नैनो प्रौद्योगिकी, ईंधन कोशिकाओं, नवीकरणीय ऊर्जा, समुद्र-आधारित ऊर्जा, हाई वोल्टेज सबस्टेशन, इंटेलिजेंट सिस्टम और मेटल फॉर्मिंग जैसे उन्नत क्षेत्रों में प्रमुखता से कार्य कर रहा है।

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