Faridabad News : दिव्यांगों को सुविधा पहुंचाने के लिए केंद्र एवं प्रदेश सरकार निरंतर प्रयासरत है। सरकारी कार्यालयों में कई ऐसी सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं, जिसका उन्हें लाभ भी मिल रहा है। मगर फरीदाबाद के लघु सचिवालय में ऐसा नहीं हो रहा। यहां प्रतिदिन अलग-अलग कार्यों में बड़ी संख्या में विकलांग आते हैं, पर उन्हें परेशानी के अलावा कुछ हासिल नहीं होता।
बुधवार को लघु सचिवालय में दिव्यांगों के अधिकारों के लिए संघर्षरत गैर सरकारी संस्था दिव्यदृष्टि के संचालक एवं स्नाकोत्तर के छात्र विपुल शर्मा को ऐसे हालातों से दो-चार होना पड़ा। सचिवालय के अटल सेवा केंद्र में दिव्यांगों के लिए कई सुविधाएं मौजूद हैं। इनके लिए दरवाजे पर रैंप भी बनाया गया है, लेकिन उसके दरवाजे बंद रहते हैं। विपुल ने सिटी मजिस्ट्रेट से मिलकर गेट खुलवाने का आग्रह भी किया। इसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने बताया कि इसकी शिकायत उपायुक्त के शिकायत पुस्तिका में दर्ज करा दी है।
पार्क के गेट के लिए विपुल की लड़ाई
विपुल शर्मा कहते हैं कि उनकी लड़ाई पार्कों के गेट को लेकर भी है। शहर के किसी भी पार्क के मैनगेट पर दिव्यांगों के आने-जाने के लिए रैंप नहीं बने हुए हैं। इसकी जगह साइड के गेटों में एल शेप के रैंप बने हुए हैं, जो मैन गेट से दूर होते हैं।
लघु सचिवालय के अटल सेवा केंद्र का वह गेट जो दिव्यांगों के लिए बनाया गया है। मगर यह हमेशा बंद रहता है। विपुल शर्मा के मुताबिक, केंद्र में काम करने वाले कर्मचारियों की दलील है कि कैश का काम होने के कारण यह गेट नहीं खोला जाता। अटल सेवा केंद्र का वह आम दरवाजा जिससे सामान्य लोगों की तरह दिव्यांग भी आते जाते हैं। विपुल का कहना है कि वह पिछले कुछ दिनों के अंतराल में केंद्र पर दो बार आ चुके हैं। उन्हें कई बार सामान्य गेट से ही आना जाना पड़ा।
दोनों पैरों से अक्षम विपुल शर्मा जैसे दिव्यांगों के लिए लघु सचिवालय में किसी काम से जाना किसी यातना से कम नहीं। उन्हें घुटनों के बल पर ही लंबी, ऊंची सीढिय़ां चढऩी उतरनी पड़ती हैं। रोजाना बड़ी संख्या में विभिन्न कार्यों से विकलांगलघु सचिवालय आते हैं।