Faridabad News, 21 Feb 2019 : आम आदमी पार्टी के बडख़ल विधानसभा अध्यक्ष धर्मबीर भड़ाना ने कहा कि यह सही समय है सरकार को एक्शन लेने का, कश्मीर से धारा 370 खतम की जाए, जो जम्मू-कश्मीर के नागरिकों को अन्य भारतीयों से अलग अधिकार देती है। उक्त वक्तव्य आप नेता धर्मबीर भड़ाना ने पुलवामा में शहीद हुए जवानों की शहादत में सैक्टर-48 से लेकर बी.के. चौक तक निकाले गए कैंडल मार्च के दौरान कहे। उन्होंने कहा कि आज देश के हालात बहुत खराब है, हर नागरिक पाकिस्तान से बदला चाहता है। सरकार को लोगों की भावनाओं का ख्याल रखना चाहिए और पाकिस्तान के विरुद्ध ठोस कार्यवाही करनी चाहिए। उन्होंने जम्मू-कश्मीर से धारा 370 को खतम करने को एक बेहतरीन मौका बताते हुए कहा कि सरकार को अब जम्मू-कश्मीर से धारा 370 खत्म करके उसे भारतीय धारा में जोडऩा चाहिए, तभी जम्मू-कश्मीर के हालातों में सुधार किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर का भारत में विलय करना उस वक्त की बड़ी जरूरत थी। इस कार्य को पूरा करने के लिए जम्मू-कश्मीर की जनता को उस समय धारा 370 के तहत कुछ विशेष अधिकार दिए गए थे। इसी की वजह से यह राज्य भारत के अन्य राज्यों से अलग है। कैंडल मार्च में आप नेता कुलदीप चावला, सागर दुआ, सोनू एवं युवा संगठन सैक्टर-48 एवं एसजीएम नगर के मास्टर सचिन चौधरी, मुन्ना प्रधान, सोनी, भोलानाथ शास्त्री, जॉनी, रवि, हिमांशु, अंकित, आशु, आदेश, दीपू, अनिल, बिट्टू, राजा, मीनू, विजय, ललिता नेगी, पुष्पा, याशिका, प्रमोद, प्रीति, नीलम देवी, अजय, विक्रम, यशपाल सिंह, विमला देवी, अरशद खान, गगन, शौकीन, अद्दू, अनिल, गुड्डू, दीपक, अनिता, शिवम नागर, राहुल, गोलू, गौतम, लक्ष्मी, मोहित, पुग्गल, अरुण, हरीश, हरिराम, जानू एवं राणा जी आदि सहित सैंकड़ों युवाओं ने हिस्सा लिया और वीर शहीदों के प्रति अपनी श्रद्धा प्रकट की।
क्या है धारा 370 भारतीय संविधान की धारा 370 जम्मू-कश्मीर राज्य को विशेष दर्जा प्रदान करती है। धारा 370 भारतीय संविधान का एक विशेष अनुच्छेद यानी धारा है, जो जम्मू-कश्मीर को भारत में अन्य राज्यों के मुकाबले विशेष अधिकार प्रदान करती है। भारतीय संविधान में अस्थायी, संक्रमणकालीन और विशेष उपबन्ध सम्बन्धी भाग 21 का अनुच्छेद 370 जवाहरलाल नेहरू के विशेष हस्तक्षेप से तैयार किया गया था।
जम्मू कश्मीर के पास क्या विशेष अधिकार हैं
– धारा 370 के प्रावधानों के मुताबिक संसद को जम्मू-कश्मीर के बारे में
रक्षा, विदेश मामले और संचार के विषय में कानून बनाने का अधिकार है।
– किसी अन्य विषय से संबंधित कानून को लागू करवाने के लिए केंद्र को
राज्य सरकार की सहमति लेनी पड़ती है।
– इसी विशेष दर्जे के कारण जम्मू-कश्मीर राज्य पर संविधान की धारा 356
लागू नहीं होती। राष्ट्रपति के पास राज्य के संविधान को बर्खास्त करने का
अधिकार नहीं है।
– 1976 का शहरी भूमि कानून भी जम्मू-कश्मीर पर लागू नहीं होता।
– भारत के अन्य राज्यों के लोग जम्मू-कश्मीर में जमीन नहीं खरीद सकते
हैं। धारा 370 के तहत भारतीय नागरिक को विशेष अधिकार प्राप्त राज्यों के अलावा भारत में कहीं भी भूमि खरीदने का अधिकार है।
– भारतीय संविधान की धारा 360 यानी देश में वित्तीय आपातकाल लगाने वाला प्रावधान जम्मू-कश्मीर पर लागू नहीं होता।