प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को किसान रत्न उपाधि दी जानी चाहिए : कृष्ण पाल गुर्जर

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Faridabad News : किसान की खुशहाली का रास्ता किसान की खेत की मेड से होकर गुजरता है ।जब तक देश का किसान, गांव, गरीब व्यक्ति मजबूत नहीं होगा। तब तक देश मजबूत नहीं होगा। यह वक्तव्य आज यहां फरीदाबाद के राजमंदिर होटल में प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए केंद्रीय सामाजिक न्याय अधिकारिता राज्यमंत्री कृष्ण पाल गुर्जर ने कहे। उन्होने कहा कि कांग्रेस और कालाबाजारी एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। कांग्रेस ने किसानों को सिर्फ आत्महत्या करने पर विवश किया है, इससे ज्यादा कुछ नहीं।

कृष्णपाल गुर्जर आज होटल राजमंदिर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा किसानों की फसलों के समर्थन दाम बढ़ाये जाने के संबंध में एक पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे।

इस मौके पर उनके साथ भाजपा जिलाध्यक्ष गोपाल शर्मा, बडख़ल विधानसभा क्षेत्र की विधायक सीमा त्रिखा, बल्लभगढ़ विधानसभा क्षेत्र के विधायक मूलचंद शर्मा, भाजपा किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष सुखबीर मलेरना, प्रदेश किसान मोर्चा के उपाध्यक्ष बलदेव अलावलपुर मौजूद रहे।

कृष्णपाल गुर्जर ने कहा कि आजादी के बाद से अब तक किसी भी सरकार ने किसानों के हित के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया है लेकिन मोदी सरकार ने वह कार्य मात्र 4 सालों में कर दिखाया है। मोदी सरकार ने किसानों को लागत का डेढ़ गुणा मूल्य देने की घोषणा की है जोकि किसानों के लिए आर्थिक खुशहाली का रास्ता खोलेगी। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही 2022 तक किसानों को आमदनी को दोगुना करने का भी मोदी सरकार ने वादा किया है। किसानों के हित में इतना बड़ा फैसला लिया जाने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को किसान रत्न उपाधि दी जानी चाहिए।

श्री गुर्जर ने बताया कि केंद सरकार गांव, गरीब और किसान की सरकार है। पहले किसानों को 50 प्रतिशत फसल नष्ट हो जाने पर ही मुआवजा दिया जाता था, वहीं अब मोदी व मनोहर की सरकार ने 33 प्रतिशत फसल नष्ट हो जाने पर मुआवजा देने की घोषणा की है। इतना ही नहीं हरियाणा सरकार ने अब तक लगभग 2000 करोड़ रुपए का मुआवजा किसानों को दिया है। केन्द्र सरकार ने किसानों की फसल नष्ट होने पर 12000 रुपए प्रति एकड़ का मुआवजा भी तय किया। केन्द्र व प्रदेश की सरकार ने किसानों के हित में कालाबाजारी पर भी रोक लगाई है। उन्होंने कहा कि देश में जब-जब कांग्रेस की सरकार आई है, कालाबाजारी को बढ़ावा मिला है। मोदी सरकार आने से पहले किसान डीएपी, यूरिया और पोटास के लिए लाइनों में धक्के खाता रहता था और दाम आसमान छू रहे थे क्योंकि फैक्टियों में निर्मित यूरिया कालाबाजारी के रास्ते कैमिकल फैक्टियों में चला जाता था। इस कारण बाजार में यूरिया की किल्लत बनी रहती थी। इस कालाबाजारी को रोकने के लिए मोदी सरकार ने इसे नीम कोटिड कर दिया है। इस कारण अब किसानों को आसानी से और सस्ते दामों पर यूरिया उपलब्ध है। श्री गुर्जर ने कांग्रेस और कालाबाजारी को एक ही सिक्के के दो पहलू बताया। उन्होंने किसानों की बढ़ी हुई फसलों के समर्थन मूल्य के बारे में जानकारी दी।

बढ़े हुए मानको का मूल्य प्रति क्विंटल

धान      1166    1750

मक्का    1131    1700

बाजरा      990    1950

ज्वार      1619    2430

उड़द      3438   5600

अरहर     3432    5675

मूंग         4650     6975

सोयाबीन   2266    3399

मूंगफली   3260    4890

कपास      3433    4150

तिल         4166    6249

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