फरीदाबाद, 30 जुलाई : टेलिविज़न पत्रकार बनने के लिए विद्यार्थियों का विषय ज्ञान, भाषा, आवाज़ और उच्चारण में निपुण होना आवश्यक है। उक्त विचार दूरदर्शन न्यूज़ के वरिष्ठ परामर्श सम्पादक एवं टेलिविज़न पत्रकार अशोक श्रीवास्तव ने “टेलिविज़न पत्रक़ारिताः युवा पत्रकारों के लिए टिप्स एवं तकनीक“ विषय पर वेबिनार में मुख्य वक़्ता के रूप में छात्रों को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किए। वेबिनार जे.सी बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के संचार एवं मीडिया प्रौद्योगिकी विभाग और बल्लबगढ़ स्थित अग्रवाल कॉलेज के साथ संयुक्त रूप से “मीडिया की बात आपके साथ’ नामक वेबिनार श्रृंखला के अंतर्गत आयोजित किया गया था।
विद्यार्थियों से संवाद करते हुए टीवी पत्रकार अशोक श्रीवास्तव ने कहा कि टेलिविज़न मीडिया में अपना भविष्य बनाने वाले छात्रों को पहले टेलिविज़न मीडिया की चकाचौंध की ओर आकर्षित होने से पहले परिश्रम के बारे में सोचना चाहिए। उन्होंने अपने कश्मीर, बाबरी मस्जिद और कोरोनाकाल में आनंद विहार बस स्टैंड आदि की रिपोर्टिंग का उदाहरण देते हुए छात्रों को समझाया कि पत्रकार ख़ासतौर पर टेलिविज़न पत्रकार का जीवन हमेशा ख़तरों से भरा रहता है। उन्होंने आगे कहा कि पत्रकार को न्यूज़ और व्यूज़ में अंतर करना आना चाहिए और यह तभी सम्भव है जब छात्र अधिक-से-अधिक अख़बार और पुस्तक पढ़े। मुख्य वक़्ता अशोक श्रीवास्तव ने आगे कहा कि मीडिया के क्षेत्र में अंतर प्रतिस्पर्धा बहुत है। इस अंतर प्रतिस्पर्धा का विजेता ही मीडिया के क्षेत्र में लम्बे समय तक टिक सकता है। उन्होंने युवा पत्रकारों को मीडिया के क्षेत्र में आमंत्रित करते हुए कहा कि वो अच्छे पत्रकार बनने के लिए कड़ी मेहनत और ख़तरों का सामना की आदत छात्रों को अभी से डाल लेनी चाहिए।
वेबिनार की अध्यक्षता कर रहे जे.सी बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने कहा कि भारत की मज़बूत प्रजातंत्र के लिए मीडिया का निष्पक्ष होना बहुत ज़रूरी है। उन्होंने आगे कहा कि मीडिया को कोरोना महामारी के समय में सकारात्मक ख़बरों का प्रकाशन अधिक करना चाहिए। वेबिनार के मुख्य अथिति बल्लबगढ़ स्थित अग्रवाल कॉलेज के प्रिन्सिपल डाक्टर कृष्णकांत गुप्ता ने कहा कि मीडिया जन-जन तक सूचना पहुंचाने का एक अच्छा सूचना माध्यम है। किंतु आज इस माध्यम का प्रयोग कुछ लोग नकारात्मक ख़बर फैलाने के लिए कर रहे है। इसलिए पत्रकार बनने वाले युवा मीडिया के छात्रों में ख़बरों के समझने का ज्ञान और ईमानदारी होनी चाहिए। साथ ही युवा पत्रकारों में अफगनिस्तान में तालिबान के हाथो मारे गए विदेशी मीडिया के भारतीय फ़ोटो पत्रकार दानिश सिद्दिकी के तरह निडर निष्पक्ष और ईमानदार होना चाहिए। अंत में मुख्य वक़्ता टेलिविज़न पत्रकार अशोक श्रीवास्तव ने छात्रों के सवालों के उत्तर भी दिए।वेबिनार में देशभर से 200 से अधिक छात्रों और शिक्षकों ने भाग लिया।
उल्लेखनीय है कि विभाग द्वारा “मीडिया की बात-आपके साथ“ में विशेषज्ञ वक्ताओं एवं शिक्षाविद को आमंत्रित किया जाता है, जिसमें कई शिक्षाविद जैसे प्रो. के जी सुरेश, पद्मश्री आलोक मेहता, डॉ सच्चिदानंद जोशी छात्रों से संवाद कर चुके है। वेबिनार का आयोजन फैकल्टी ऑफ लिबरल आर्ट एंड मीडिया स्टडीज के डीन प्रो. अतुल मिश्रा की देख-रेख में किया जा रहा है।