Faridabad News, 09 May 2019 : महाराणा प्रताप जयंती के अवसर पर गुरुवार को बल्लभगढ़ स्थित महाराणा प्रताप भवन में क्षत्रिय सभा द्वारा हवन यज्ञ का आयोजन किया गया। इस अवसर पर क्षत्रिय सभा के अध्यक्ष राजेश रावत सहित अन्य पदाधिकारियों ने सर्वप्रथम दीप प्रज्जवलित कर महाराणा प्रताप के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित उन्हें नमन किया। इसके उपरांत हवन यज्ञ में आहुति डाली गई। इस अवसर पर राजेश रावत ने महाराणा प्रताप के जीवन चरित्र पर प्रकाश डालते हुए कहा कि महाराणा प्रताप उदयपुर, मेवाड में सिसोदिया राजवंश के राजा थे। उनका नाम इतिहास में वीरता और दृढ प्रण के लिये अमर है। उन्होंने कई सालों तक मुगल सम्राट अकबर के साथ संघर्ष किया। महाराणा प्रताप सिंह ने मुगलों को कईं बार युद्ध में भी हराया। उन्होंने कहा कि महाराणा प्रताप के शासनकाल में सबसे रोचक तथ्य यह है कि मुगल सम्राट अकबर बिना युद्ध के प्रताप को अपने अधीन लाना चाहता था इसलिए अकबर ने प्रताप को समझाने के लिए चार राजदूत नियुक्त किए , लेकिन राणा प्रताप ने चारों को निराश किया, इस तरह राणा प्रताप ने मुगलों की अधीनता स्वीकार करने से मना कर दिया था। उन्होंने कहा कि देश की रक्षा के लिए उन्होंने अपने प्राणों की भी आहुति दे दी, ऐसे महान पराक्रमी योद्धा के जीवन से हम सभी को प्रेरणा लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आज के दिन हम सभी को उनके बताए मार्ग पर चलने का संकल्प लेते हुए सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ एकजुट होकर लडऩे का संकल्प लेना चाहिए। इस अवसर पर राजकुमार गौड़ एडवोकेट, जगपाल सिंह, राम नारायण सिंह, राम बाबू राघव, देव कुमार भाटी, कुमारपाल राणा, सुभाष भाटी, कुशल गौड, मुकेश सोलंकी, प्रेमपाल राघव, रोहताश सोलंकी, स्वर्ण सिंह एडवोकेट, अदल सिंह, मनोज तोमर, वेदप्रकाश सिसौदिया, कुबेर सिंह, धीरज ठाकुर, लक्षमण सिंह, विकास भाटी, सतीश भाटी, आकाश भाटी, रामकुमार भाटी, दिनेश रावत सहित अनेक लोग मौजूद थे।