फरीदाबाद। केकई द्वारा राजा दशरथ से भरत का राजाभिषेक और श्रीराम को चौदह वर्ष का बनवास के दो वरदान मांगे जाने की जानकारी जब भरत को लगी तो वह माता केकई से मिले और उनके इन दोनों वरदानों पर अपनी आपत्ति जताई। भरत ने रोते हुए माता केकई से इन वरदानों को वापिस लेने की प्रार्थना की, लेकिन केकई के मना करने पर वह क्रोधित होकर वहां से चले गए और माता कौशल्या से मिले और अपने बड़े भाई राम के बनवास पर दुख जताने लगे। यह दृश्य श्री श्रद्धा रामलीला कमेटी द्वारा चौथे दिन कलाकारों ने प्रस्तुत किए, जिन्हें देखकर श्रद्धालुओं का मन विभोर हो उठा। कमेटी के कलाकार इस गंभीरता से अपने-अपने किरदारों का मंचन कर रहे है, उसे देख श्रद्धालु अपने आंसू नहीं रोक पाते। रामलीला के चौथे दिन भरत द्वारा भगवान राम को मनाने के लिए चित्रकूट पहुंचाना और यहां दोनों भाईयों के प्रेम के दृश्यों को भी बेहद अच्छे अंदाज से कलाकारों ने निभाया। इसके उपरांत पंचवटी पर शूर्पणखा का आना और लक्ष्मण द्वारा उसकी नाक काटने तथा शूर्पणखा का कटी नाक लेकर अपने भाई खरदूषण के पास जाना और फिर खरदूषण वध का मंचन भी कलाकारों ने बेहतरीन अंदाज में किया। कॉस्यूटम से लेकर कलाकारों की लिपसिंग की उपस्थित लोगों ने तालियां बजाकर सराहना की। इसके उपरांत रामलीला में स्वरूपनखा का अपने भाई रावण के पास गई, जिसे देख रावण आगे बबूला हो गया।
रावण ने गुस्से से भरी सभा में कहा-
‘पुरुष है राम तो, रावण से पछाड़ा जाएगा,
सुंदरी सीता को लंकेश्वर उड़ाकर लायेगा।।
राम पुरुषोत्तम हुआ, तो काल मेरा आयेगा
धन्य है रावण फिर भी तू, मुक्ति के पद को पायेगा।।
इसके उपरांत फिर लक्ष्मण को माता सीता द्वारा श्रीराम को ढूंढने के लिए भेजना और लक्ष्मण का सीता माता के लक्ष्मण रेखा खींच कर जाते-जाते लक्ष्मण आज्ञा लेना :-
ऐ पवन देव तुम साक्षी हो, ऐ पक्षी गणों गवाह हो तुम।
मेरी इस धर्म की नौका के, ऐ सूर्य देव मल्लाह हो तुम।।
मैं आज्ञा पालन करता हूं, बस इतना है संतोष मुझे।
रघुराई अगर उल्हाना दें, तुम कह देना निर्दाेष मुझे।।
अच्छा माता मैं जाना हूं, तुम सावधान होकर रहना।
आज्ञात के भीतर दास रहा, रेखा के भीतर तुम रहना।।
रेख उल्लंघन करके जो कुटिया के भीतर आयेगा।
है आन उसे इस लक्ष्ण की, वो वहीं भस्म हो जायेगा।।
इसके उपरांत रावण द्वारा साधु की वेशभूषा धारण कर छल से सीता का हरण करना तथा मारीच की सहायता से भगवान राम को उनके हरण की जानकारी मिलना जैसे दृश्यों का मंचन कलाकारों ने सर्वश्रेष्ठ तरीके से किया और इन दृश्यों को देख श्रद्धालु बेहद भावुक हो उठे। रामलीला कमेटी डायरेक्टर अनिल चावला ने बताया कि रामलीला के चौथे दिन राम का किरदार मोहित वशिष्ठ, लक्ष्मण अनिल चावला, सीता का किरदार योगन्धा वशिष्ट, भरत का किरदार यशराज चांदना, रावण का किरदार श्रवण चावला, कौशल्या का किरदार दिव्या वशिष्ठ, केकई का किरदार मिशा भाटिया, सुमित्रा का किरदार रुशाली ग्रोवर, स्वरूपनखा का किरदार आसावरी वशिष्ठ, मारीच का किरदार दीपक मदान ने निभाएं। रामलीला का मंच संचालन अंकित लूथरा द्वारा किया जा रहा है, जबकि सह निर्देशक अजय खरबंदा व निर्देशक अनिल चावला है वहीं रामलीला के बेहतर मंचन में प्रधान दिलीप वर्मा, सीनियर उप प्रधान शेलेंद्र गर्ग, सीनियर उप प्रधान विवेक गुप्ता, उप प्रधान श्रवन चावला, महासचिव कैलाश चावला, जन संपर्क लाजपत चांदना का पूरा सहयोग किया जा रहा है।