Faridabad News, 09 Oct 2021 : नर्स एक ऐसा पेशा है जिसे करने का मौका हर किसी को नहीं मिलता। पिछले जन्म में जिन्होंने पुण्य कार्य किये उन्हें इस जन्म में मानव और पिड़ित सेवा करने का मौका मिलता है। यह बात IAS डीसी फरीबाद जितेंद्र यादव ने कही। (LIHS) लिंग्याज इंस्टिट्यूट ऑफ हेल्थ साइंसिस द्वारा लिंग्याज विद्यापीठ (डीम्ड-टु-बी) यूनिवर्सिटीमें लैम्प लाइटिंग कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। कार्यक्रम को संचालन बाएससी फाइनल ईयर की छात्रायेंवर्षा और प्रिया ने किया। कार्यक्रम का शुभारंभ IAS डीसी फरीबाद जितेंद्र यादव,CHCखेड़ी कलां, SMO डॉ. हरजिंदर सिंह व यूनिवर्सिटी के कमेटी अध्यक्षों द्वारा दीप प्रजवलन से किया गया। जिसके उपरांतफ्लोरेंस नाइंटिगेलकी तसवीर के आगे वहां उपस्थित सभी ने लैम्प लाइटिंग की गई। जिसके पश्चात बीएससी नर्सिंग फस्ट ईयर छात्र-छात्राओं ने नर्सिंग पेशे को अपनाने के साथ मानव और पिड़ित सेवा की शपथ ली। इस दौरान छात्रों ने कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति भी दी।
इस दौरान CHC (सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र) खेड़ी कलां, SMO डॉ. हरजिंदर सिंह ने अपने विचार प्रस्तुत किए सिलेबस से शिक्षित होते हैं लेकिन संकल्प और शपथ के साथ ली गई शिक्षा दीक्षा में परिवर्तित हो जाती है। उन्होंने कहा कि शिक्षा का मतलब ही दूसरो के जीवन में उजियारा फैलाना होता है। उन्होंने कहा कि अस्पताल में जाने वाले मरीज की बीमारी दवा से ठीक होती है लेकिन अगर नर्स का व्यवहार अच्छा हो तो उसकी आधी बीमारी वैसे ही ठीक हो जाती है। नर्स का पेशा एक सेवा भाव को दर्शाता है।जिसे पूरी शिद्धत से करना चाहिए। उन्होंने कहा कि कोरोना जैसी महामारी ने सबको हिला कर रख दिया था ऐसे में हमारे डॉक्टरों व नर्सों ने पूरी लग्न और शिद्धत के साथ जो काम किया वो काबिले-तारीफ था। वही लिंग्याज ग्रुप के चेयरमैन डा. पिचेश्वर गड्डे ने कहा कि हमारा काम हैं जो बच्चों को निखारना उसे अच्छी शिक्षा देना, उसे हर तरह से निपुण बनाना। नर्सिंग एक ऐसा पेशा है जिसमें हमारे अंदर ऐसी सेवा भावना होनी चाहिए कि हम हर परिस्थिती में हम तैयार रहे। उन्होंने कहां कि हमें दिन में कम से कम एक अच्छा काम या किसी की मदद जरूर करनी चाहिए। ऐसा करने से हमारे अंदर सेवा की भावना उजागर होती है। अंत में स्कूल की प्रिंसिपल प्रोफेसर पदमावती सामी ने सभी का धन्यवाद करते हुए कहा कि सभी के अंदर फ्लोरेंस नाइंटिगेल जैसी बनने की कोशिश करनी चाहिए। ताकि उनके जैसे सेवा भावना वाले गुण हमारे अंदर भी आ सके। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ किया गया।