Faridabad News, 22 Dec 2018 : शहर में नगर निगम पर आये दिन बड़े घोटाले के आरोप लगते हैं। हाल में डबुआ कालोनी के लेजर वैली पार्क के मरमत में भी नगर निगम का एक बड़ा घोटाला बताया गया। कहा गया कि नगर निगम ने यहाँ तीन करोड़ रूपये खर्च किये हैं जबकि पार्क के ऐसा कुछ नहीं दिख रहा है कि यहाँ तीन करोड़ रूपये खर्च किये गए हों। बार एसोशिएशन के पूर्व अध्यक्ष एवं न्यायिक सुधार संघर्ष समिति के अध्यक्ष एडवोकेट एल एन पाराशर ने शनिवार इस पार्क का दौरा किया। पूरे पार्क का दौरा करने के बाद वकील पाराशर ने कहा कि मैंने यहाँ एक पुस्तकालय देखी जिसमे शायद 10 लाख के आस पास खर्च किये गए होंगे। उन्होंने कहा कि इस पार्क में नगर निगम के अधिकारियों ने दो करोड़ 90 लाख का घोटाला किया है। उन्होंने कहा कि पार्क के ट्रैक टूटे पड़े हैं। पार्क की लाइटें टूटी पडी हैं और पार्क में लगे फव्वारे का बुरा हाल है। कहीं भी एक नई ईंट लगी नहीं दिख रही है। वकील पाराशर ने कहा कि नगर निगम अधिकारियों के इस घोटाले की शिकायत मैं सीएम से करने जा रहा हूँ और जांच की मांग करूंगा और सम्बंधित अधिकारियों पर एफआईआर दर्ज करवाऊंगा।इस मामले को लेकर स्थानीय विधायक नगेंद्र भड़ाना ने कहा कि पार्क में जो पुस्तकालय बनाया गया है वो डी प्लान के पैसे से बना है। विधायक के बयान के बाद साफ़ हो गया कि नगर निगम पूरे के पूरे तीन करोड़ रूपये खा चुका है।
इस तथाकथित घोटाले को उजागर करने वाले आरटीआई कार्यकर्ता दीपक मिश्रा का कहना है कि मैंने सितम्बर 2018 में आरटीआई के माधयम से नगर निगम से पूंछा था कि पिछले वर्षों में चौधरी रणवीर सिंह हुड्डा लेजर वैली पार्क डबुआ कालोनी में कितना पैसा विकास और मरम्मत पर खर्च हुआ है। मिश्रा के मुताबिक़ नगर निगम वहाँ से पांच अक्टूबर को जबाब आया जिसमे कहा गया कि हमने पिछले दो वर्षों में मरम्मत और विकास पर अनुदान राशि का कोई भी खर्च नहीं किया।
इसके बाद दीपक मिश्रा फिर 16 अक्टूबर को फिर आरटीआई के माधयम से नगर निगम से पूंछा कि चौधरी रणवीर सिंह हुड्डा लेजर वैली पार्क डबुआ कालोनी के विकास व मरम्मत के लिए कितनी अनुदान राशि निगम के पास है। मिश्रा के मुताबिक़ इसी माह की चार तारीख को नगर निगम का जबाब आया कि नगर निगम को चौधरी रणवीर सिंह हुड्डा लेजर वैली पार्क डबुआ कालोनी में विकास व् मरम्मत के लिए 3 करोड़ की राशि प्राप्त हुई थी जो पूरी रकम खर्च हो चुकी है। मिश्रा ने बताया कि जिस वक्त नगर निगम का जबाब आया उस वक्त मैं घर से बाहर था और शाम को घर आया तो ये जबाब देख खुश हुआ और देर शाम पार्क की तरह भागा कि नगर निगम ने दो महीने में शायद पार्क की काया कल्प कर दी होगी क्यू कि अक्टूबर में नगर निगम यहाँ एक भी पैसा खर्च नहीं किया था और दो महीने में तीन करोड़ खर्च कर दिया।
दीपक मिश्रा ने बताया कि उस देर शाम जब मैं पार्क पहुंचा तो हैरान रह गया क्यू कि पार्क के ट्रैक उस समय भी टूटे पड़े थे। लाइटें टूटी पड़ीं थीं और इन दो महीनों में वहां एक भी ईंट लगी नहीं दिखी। मिश्रा ने कहा कि मुझे लगा कि यहाँ लगभग तीन करोड़ रूपये नगर निगम के घोटाले की भेंट चढ़ गए हैं। दीपक मिश्रा ने कहा कि सरकार विकास कार्यों के लिए खूब पैसा देती है लेकिन भ्रष्ट अधिकारी सारा पैसा खा जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री से मेरा कोई बैर नहीं लेकिन फरीदाबाद के भ्रष्ट अधिकारियों की अब खैर नहीं। दीपक मिश्रा ने कहा कि इस भ्रष्टाचार की सूचना मैंने एडवोकेट पाराशर को दी और शनिवार वो पार्क में पहुंचे और आशा करता हूँ कि वकील पाराशर इन भ्रष्टो पर एफआईआर दर्ज करवा इन्हे जेल भिजवाएंगे। वकील पाराशर ने कहा कि ये तो एक पार्क की बात है। फरीदाबाद में दर्जनों बड़े पार्क हैं संभव है अन्य पार्कों में भी बड़े बड़े घोटाले किये गए हों।